नई दिल्ली। वैक्सीन (Vaccine) से संबंधित ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन Global Alliance for Vaccines and Immunizations (GAVI) ने कहा है कि भारत को 19 करोड़ से 25 करोड़ तक कोरोना वैक्सीन डोज(Corona Vaccine Dose) रियायती दरों (Discounted Rates) पर मुहैया कराए जाएंगे. साथ ही अंतरराष्ट्रीय संगठन ने कहा है कि वैक्सीन (Vaccine) के लिए तकनीकी मदद और कोल्ड चेन की व्यवस्था के लिए भी भारत को 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 220 करोड़ रुपए भी दिए जाएंगे. GAVI के प्रवक्ता ने बताया है कि यह निर्णय बीते साल दिसंबर महीने में ही COVAX बोर्ड की बैठक में ले लिया गया था.
GAVI कम और मध्यम आय वाले देशों को वैक्सीन मुहैया कराने के लिए पब्लिक-प्राइवेट ग्लोबल हेल्थ पार्टनरशिप है. यह तय करता है कि दुनियाभर में वैक्सीन कार्यक्रम अमीर देशों के अलावा गरीब और मध्यम आय वाले देशों तक भी पहुंचे. संगठन के प्रवक्ता ने कहा है कि वर्तमान कोरोना संकट में हम भारत की मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. गावी ने यह भी स्वीकार किया है कि भारत में मौजूदा कोरोना संकट की वजह से दुनियाभर में वैक्सीन आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ा है क्योंकि भारत खुद वैक्सीन निर्माण का बड़ा केंद्र है. बता दें भारत में 16 जनवरी से शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम में अब तक मुख्य रूप से सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड और भारत-बायोटेक की कोवैक्सीन का प्रयोग ही होता रहा है. इनमें भी कोविशील्ड की आपूर्ति ज्यादा रही है. सीरम इंस्टिट्यूट दुनिया में सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी है. अप्रैल महीने में जब कोरोना की दूसरी लहर ने देश को चपेट में लिया तो मांग की गई कि 18 वर्ष से ऊपर सभी लोगों को वैक्सीनेशन के दायरे में लाया जाए. केंद्र सरकार ने इस पर फैसला लेते हुए 1 मई से इसकी शुरुआत भी कर दी है. 18-44 आयु वर्ग के भी जुड़ जाने के बाद अब देश में वैक्सीन की मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर आ गया है. हालांकि भारत में अब रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V को इमरजेंसी यूज की अनुमति दी जा चुकी है. रूस से पहली खेप भारत आई भी है हालांकि इसकी संख्या अब महज डेढ़ लाख के आस-पास ही है. लेकिन जल्द ही इसे बढ़ाया जाएगा. अब गावी की तरफ से भारत को बड़ी आशा दी गई है. संभव है जल्द ही वैक्सीन की किल्लत खत्म हो सकती है.