इंदौर। कंट्रोल दुकानों पर मिलने वाले चांवल की कालाबाजारी रोकने के लिए एक एमआईसी सदस्य ने मोर्चा संभाल रखा है, लेकिन पिछले दिनों उन्हें जान से मारने की धमकी मिली कि वे ये अभियान बंद कर दें। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में की और 19 मोबाइल नंबरों की जानकारी भी दी, जिससे उन्हें फोन आए, लेकिन पुलिस अभी तक एक भी नंबर के उपयोगकर्ता तक नहीं पहुंच पाई है।
मामला निगम के गरीबी उपशमन प्रकोष्ठ के प्रभारी मनीष शर्मा उर्फ मामा का है। उन्होंने बड़े स्तर पर दुकानों से गरीबों को दिए जाने चांवल की कालाबाजारी का मामला उठाकर कई लोगों पर कार्रवाई करवाई है। इसी को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। कई संचालकों पर कार्रवाई होने के बाद भी अभी कालाबाजारी जारी है। इस मामले में शर्मा ने संयोगितागंज थाने में एक शिकायत की, जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने गरीबों का अनाज कालाबाजारी करते हुए रंगेहाथों पकड़ा और खाद्य विभाग को मामला सौंपा है। वहीं कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा एक मंदिर में की गई हरकत का मामला भी उठाया था। इन्हीं मामलों में मुझे लगातार धमकी मिल रही है।
उन्होंने शिकायती आवेदन में लिखा कि मुझे जान से मारने की धमकियां मेरे फोन पर मिल रही है। 23 दिसम्बर की शाम 4 बजे से 5 बजे के बीच मुझे धमकियां मिलीं। उन्होंने 19 मोबाइल नंबरों की सूची भी पुलिस को सौंपी और कहा कि इन नंबरों से मुझे लगातार धमकियां मिलीं। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताकर तुरंत कार्रवाई की मांग की, लेकिन एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी अभी तक पुलिस एक भी नंबर के उपयोगकर्ता तक नहीं पहुंच पाई है। शर्मा ने कहा कि पुलिस को तत्काल दिए गए नंबरों की जानकारी निकालकर उन पर कार्रवाई करना चाहिए, नहीं तो मुझे पर कालाबाजारी करने वाले कभी भी हमला कर सकते हैं।
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