नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने 2015 के बाद से पूर्व क्रिकेटरों (former cricketers) को टीम के मुख्य कोच (Team Head coach) के पद के लिए ज्यादा तवज्जो दी है। आखिरी बार विदेश कोच डंकन फ्लेचर (Foreign coach Duncan Fletcher) थे, जिसके बाद भारत ने नौ साल के अंदर पांच मुख्य कोच बनाए हैं। इस दौरान रवि शास्त्री (Ravi Shastri), अनिल कुंबले (Anil Kumble) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) जैसे दिग्गजों ने कोच की भूमिका निभाई। 2015 के बाद इनके कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम कई बार खिताब के काफी करीब पहुंची, हालांकि सिर्फ द्रविड़ बतौर मुख्य कोच खिताब जीतने में कामयाब हुए। अगले कुछ सालों में कई आईसीसी टूर्नामेंट में भारतीय हिस्सा लेने जा रही है और अब सबकी नजरें गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के कार्यकाल पर होंगी। पिछले तीन साल से द्रविड़ की देख रेख में भारतीय टीम ने काफी उपलब्धि हासिल की हैं, हालांकि द्रविड़ और गंभीर के काम करने के तरीके में काफी अंतर देखने को मिलने वाला है, ऐसे में हम यहां आपको बड़े बदलाव के बारे में बताने जा रहे हैं, जो गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की कोंचिंग के दौरान देखने को मिल सकते हैं।
राहुल द्रविड़ की देखरेख में भारतीय टीम काफी शांत नजर आती थी हालांकि गंभीर के मामले में इसमें बदलाव की गुंजाइश है। द्रविड़ जहां शांत दिमाग से काम करने के लिए जाने जाते हैं वहीं गंभीर की कोचिंग शैली में आक्रामकता झलकती है और टीम के प्रदर्शन पर भी इसका असर पड़ने वाला है।
टीम से जुड़े फैसले पर हक
पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम के कप्तानों ने टीम को अपने मनमुताबिक संभाला है। कुछ खिलाड़ियों को ज्यादा मौके मिले हैं और कुछ को काफी इंतजार करना पड़ा है। जैसे द्रविड़ ने मैदान के फैसले पूरी तरह रोहित पर छोड़े थे, उससे पहले रवि शास्त्री भी कोहली की कैप्टेंसी में ज्यादा दखल नहीं देते थे। हालांकि गंभीर ने अपनी पांच शर्तों में से एक टीम का नियंत्रण मांगा था।
युवाओं पर ज्यादा भरोसा
भारतीय टीम इस समय बदलाव के दौर से गुजर रही है। कई अनुभवी खिलाड़ी कुछ ही फॉर्मेट खेलने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, जबकि भारत के पास युवाओं की फौज है और सब अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद उनके लिए रास्ते और खुलने वाले हैं। क्योंकि गंभीर आने वाले सालों में युवाओं पर दांव खेल सकते हैं। रोहित, विराट और जडेजा जैसे खिलाड़ियों ने टी20 इंटरनेशनल से संन्यास ले लिया है, ऐसे में गंभीर पर नई टीम बनाने की जिम्मेदारी होगी, जिसमें ज्यादातर युवा खिलाड़ी होंगे। वहीं राहुल द्रविड़ पुराने अनुभवी खिलाड़ियों पर भरोसे के लिए जाने जाते हैं।
हर फॉर्मेट के लिए अलग-अलग टीम
भारतीय टीम ने ज्यादातर बार सभी फॉर्मेट के लिए एक ही कप्तान के साथ काम करने वाली रणनीति अपनाई है। हालांकि गंभीर के कार्यकाल के दौरान इसमें बदलाव देखने को मिल सकता है। एमएस धोनी के कप्तानी से हटने के बाद विराट कोहली ने टीम को संभाला। जिसके बाद रोहित शर्मा फुल टाइम कप्तान बने। हालांकि अब जबकि रोहित ने खेल के सबसे छोटे प्रारूप से संन्यास ले लिया है, ऐसे में टी20 टीम के लिए नए कप्तान का ऐलान जल्द हो सकता है। हालांकि वनडे और टेस्ट में रोहित टीम के कप्तान बने रहेंगे। जय शाह ने इसका ऐलान पहले ही कर दिया था।
खिलाड़ियों को मिलेंगे ज्यादा मौके
गौतम गंभीर अपने टीम के साथियों का साथ देने के लिए जाने जाते हैं। कोचिंग करियर के दौरान कई मौकों पर गंभीर ने अपने टीम के खिलाड़ियों का बढ़ चढ़कर साथ दिया है। पिछले कुछ सालों में कई खिलाड़ियों को अपने मौके के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा है। हालांकि गंभीर के कोच बनने के बाद जिन खिलाड़ियों में कुछ अच्छा करने की काबिलियत होगी, उनको ज्यादा मौके मिलने की उम्मीद काफी है। द्रविड़ जहां निजी जीवन में काफी शांत और सौम्य इंसान हैं, जबकि गंभीर मुखरता से बात रखने के लिए जाने जाते हैं।
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