नई दिल्ली (New Delhi)। क्रिकेट (Cricket) में कब कौन किसका सीनियर और जूनियर बन जाए कहा नहीं जा सकता है। हाल के दिनों में, गौतम गंभीर और विराट कोहली (Gautam Gambhir and Virat Kohli) को तुलना से परे दुश्मन के रूप में चित्रित किया गया है। इस तथ्य के बावजूद कि गंभीर ने वास्तव में बाहर आकर कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग में उनका विवाद, दोनों खिलाड़ियों को निश्चित रूप से खेल के मैदान पर सबसे दोस्ताना नहीं माना गया है।
बता दें कि विराट कोहली और गौतम गंभीर दोनों टीम इंडिया के लिए साथ में खेल चुके हैं। विराट ने जब इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था, तब गौतम गंभीर पहले ही खुद को टीम में इस्टैब्लिश कर चुके थे। 2008 में अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेलने वाले विराट को पहली वनडे इंटरनेशल सेंचुरी के लिए करीब एक साल का इंतजार करना पड़ा था। दिसंबर 2009 में विराट ने श्रीलंका के खिलाफ शतक ठोका था, इसी मैच में गौतम गंभीर ने 150 रनों की पारी खेली थी और उनको मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
ऐसा माना जाता है कि गंभीर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ज्यादा पसंद नहीं करते थे। वहीं विराट कोहली शुरू से धोनी की लॉबी में ही रहे हैं। विराट का कद जैसे-जैसे टीम इंडिया में बढ़ा गंभीर का कद थोड़ा छोटा होता चला गया। माना जाता है कि यही वजह है कि गंभीर किंग कोहली को बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं।
दरअसल, इस सीजन में आरसीबी और एलएसजी के बीच यह दूसरा मैच था। पहला मैच दोनों टीमों के बीच बेंगलरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला गया था। तब एलएसजी ने आखिरी गेंद पर आरसीबी को एक विकेट से हराया था। इस मैच के बाद एलएसजी के मेंटॉर गंभीर को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मौजूद लोगों को मुंह पर अंगुली रखने का इशारा किया था। लखनऊ में जब आरसीबी ने जीत दर्ज की, तब विराट कोहली भी कुछ ऐसा ही करते नजर आए। मैच के बाद दोनों के बीच कहासुनी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई, जिसके बाद अमित मिश्रा को बीच-बचाव करना पड़ा।
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