इंदौर। खजराना गणेश मंदिर परिसर (Khajrana Ganesh temple complex) में दो महत्वपूर्ण विकास कार्य एक साथ किए जाएंगे। खजराना गणेश मंदिर परिसर में पानी की टंकी के पीछे 2 एकड़ जमीन पर गोशाला (cowshed) बनाई जाएगी। शुरुआत में यहां 30 गाय रखी जाएंगी, वहीं परिसर में गोशाला के साथ ही नई पार्किंग भी बनाई जाएगी। मंदिर प्रशासन ने दोनों निर्माण कार्यों के लिए टेंडर (tender) बुलाए हैं।
गोशाला (cowshed) के निर्माण पर 46 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए टेंडर (tender) बुलाए गए हंै। 17 जून तक टेंडर फार्म जमा होंगे। 25 जून को टेंडर (tender) खोला जाएगा। इसी प्रकार मिठाई दुकानों के पीछे लगभग आधा एकड़ जमीन पर विशाल पार्किंग बनाई जाएगी, जिस पर 93 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसका टेंडर भी उसी दिन खोला जाएगा। उल्लेखनीय है कि मंदिर प्रशासन द्वारा इन दोनों कार्यों के लिए तैयारियां तो नए साल में ही शुरू कर दी गई थीं,लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में मरीज बढऩे के कारण जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।अब महामारी पर काबू पाने पर तेजी से विकास कार्य करने की तैयारियां की गई हैं।
48 सिक्योरिटी गार्ड,सफाईकर्मी,मंदिर स्टाफ और अन्न क्षेत्र के 50 कर्मचारियों को प्रतिमाह 15 लाख वेतन
मंदिर प्रशासन द्वारा सिक्योरिटी गार्ड, सफाईकर्मी, मंदिर स्टाफ और अन्य क्षेत्र 50 कर्मचारियों को सैलेरी के एवज में प्रतिमाह 15 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। मंदिर परिसर में कुल 48 सिक्योरिटी गार्ड हैं, जो तीन शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं। इनकी सैलेरी पर प्रतिमाह पांच से साढ़े 5 लाख रुपए खर्च होते हैं। इसी प्रकार मंदिर में 25 सफाईकर्मी भी लगे हैं, जिनकी सैलेरी प्रतिमाह 2लाख रुपए है। खजराना गणेश मंदिर प्रशासन द्वारा मंदिर एवं एमवाय अस्पताल में अन्न क्षेत्र चलता जाता है, जहां लगभग 50 स्टाफ है। इनमें रसोइया से लेकर अन्य कर्मचारी हैं, जिनकी सैलेरी प्रतिमाह 4 लाख रुपए दी जाती है। मंदिर के लेखाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों की टीम है, जिनकी सैलेरी 3 लाख रुपए दी जाती है। इसके अलावा मंदिर परिसर, गार्डन, टाइल्स व आरओ मेंटेनेंस पर 1 लाख रुपए खर्च होता है।
प्रतिमाह 6 लाख का खरीदते हैं राशन…
मंदिर प्रशासन द्वारा खजराना मंदिर परिसर एवं एमवाय अस्पताल में चल रहे अन्न क्षेत्र के लिए प्रतिमाह 6 लाख का गेहंू,चावल, दाल और सब्जी सहित अन्य खाद्य सामग्रियां मंगाई जाती हैं। इसी प्रकार मंदिर के प्रमुख पुजारियों और सह पुजारियों के वेतन पर लगभग 2 लाख प्रतिमाह खर्च होता है। कुछ सह पुजारी ऐसे भी हैं, जिन्हें वेतन नहीं दिया जाता है।इन्हें महीनेभर का राशन मुफ्त में दिया जाता है।इसमें से लगभग ढाई से तीन लाख का दूध तो केवल एमवाय में मरीजों को बांटा जाता है।
फंड की कमी.. खजाने में अब मात्र 30 लाख ही बचे
मार्च माह से लगे लॉकडाउन (Lockdown) के कारण मंदिर बंद है,जिसके कारण अब मंदिर प्रशासन के पास फंड की कमी हो गई है।अक्टूबर से लेकर मार्च तक 4 महीने मंदिर खुला था, जिसमें दान के रूप में एक करोड़ रुपए आए थे। महामारी ज्यादा बढऩे के कारण प्रशासन ने फिर मंदिर बंद कर दिया है। प्रतिमाह स्टाफ की सैलेरी व अन्य खर्चे लगभग 25 लाख है, इसलिए जो दान की राशि आई थी उससे ही पूर्ति की जा रही है। अब खजाने में केवल 30 लाख रुपए बचे हुए हैं। सामान्य दिनों में मंदिर में प्रतिमाह 30 से 32 लाख रुपए दान आता है।
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