टीम द्वारा आज यहां का निरीक्षण किया गया है। नर्मदा के तट का सौंदर्यीकरण होने से जहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वहीं लोगों की धार्मिक आस्था भी बनी रहेगी। आज हुए निरीक्षण के बाद डीपीआर तैयार की जाएगी। जिसमें तैयार करने में करीब दो माह का समय लग जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां हजारों की संख्या में भक्त माँ नर्मदा के दर्शन करने आते हैं। जिसको देखते हुए गौरीघाट के सौंदर्यीकरण और विकास को अयोध्या के सरयू के तट की तरह विकसिक करने की योजना बनाई गई। ग्वारीघाट-तिलवाराघाट पर पाथवे के निर्माण की बड़ी योजना पर काम किया जा रहा है। कई बार नर्मदा तट को अहमदाबाद के साबरबती की तर्ज पर विकसित करने की बात भी कही गई है।