इंदौर न्यूज़ (Indore News)

बोझ बना कचरा बन गया कमाई का जरिया, 82 करोड़ की मशीनें दुनियाभर से मंगाईं, कचरे की दुनिया बदली नजर आई

मोदी जी ने क्यों चुना इंदौर निगम के अनूठे सीएनजी प्लांट को देश के स्वच्छता मॉडल के रूप में, अग्निबाण की समग्र पड़ताल
इंदौर, राजेश ज्वेल।
लगातार पांच बार स्वच्छता (Cleanliness) में नम्बर वन इंदौर (Number One Indore) ऐसे ही नहीं आ गया है… अब झाड़ू (Broom) लगाकर सफाई तो कई शहर करने लगे, मगर जिस तरह से कचरे का निपटान और प्रबंधन इंदौर निगम ने किया है, उसकी कोई मिसाल पूरे देश में नहीं है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपने पसंदीदा स्वच्छता मिशन (Cleanliness Mission) के तहत इंदौर के 150 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए 550 मैट्रिक टन क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट (Bio CNG Plant) का न सिर्फ वर्चुअल लोकार्पण (Virtual Launch) करना तय किया, बल्कि इस प्लांट से जुड़ी एक-एक तकनीकी जानकारी उन्होंने खुद हासिल की और अब इसे पूरे देश में मॉडल के रूप में पीएमओ द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। इस प्लांट में 82 करोड़ रुपए की लागत की मशीनें तो डेनमार्क, जर्मनी, इटली और यूके से मंगवाकर लगाई गई हैं। निजी कम्पनी (Private Company)  ने यह पूरा निवेश किया है और नगर निगम का एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ, उल्टे उसे सालाना ढाई करोड़ रुपए की आय तो होगी ही और रोजाना इस प्लांट में बनने वाली 1750 किलो बायो सीएनजी गैस में से आधी गैस सिटी बसों के लिए बाजार दर से 5 रुपए प्रति किलो कम में उपलब्ध होगी।

वेस्ट टू वेल्थ (Waste to Wealth ) की अवधारणा के चलते मोदी जी इंदौर नगर निगम (Municipal Corporation) के नवाचार से काफी प्रभावित हुए हैं और स्वच्छता के मामले में इंदौर से प्रेरणा लेने की बात भी कई मर्तबा कह चुके हैं। निगम ने सबसे पहले चोइथराम सब्जी मंडी में 20 मैट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता, फिर कबीटखेड़ी गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन में 15 मैट्रिक टन गीले कचरे से बायो सीएनजी का प्लांट स्थापित किया और इससे बनने वाली गैस का इस्तेमाल सिटी बसों में चल रहा है। अब एशिया का सबसे बड़ा प्लांट देवगुराडिय़ा स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर लगवाया है, जिसका 19 फरवरी को प्रधानमंत्री वर्चुअली लोकार्पण करेंगे और इस आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी शामिल रहेंगे। 550 मैट्रिक टन रोजाना गीले कचरे से 17 हजार 500 किलो बायो सीएनजी तो बनेगी ही, वहीं 100 टन उच्च गुणवत्ता वाली खाद का उत्पादन भी होगा और जीरो इनर्ट मॉडल के इस प्लांट (Plant) में किसी तरह का अनुपचारित कचरा नहीं निकलेगा। पीपीपी मॉडल पर नई दिल्ली की आईईआईएसएल फर्म ने 150 करोड़ रुपए लगाए हैं। इस प्लांट से परिवहन व्यवस्था तो बेहतर होगी, वहीं वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और कार्बन क्रेडिट अंक भी हासिल किए जा सकेंगे।


छात्रों को भी बताएंगे कचरे की कहानी
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि किस तरह शहर को स्वच्छ किया गया और कचरे का निपटान चल रहा है, इसकी जानकारी स्कूल-कॉलेज के छात्रों को भी दी जाएगी, ताकि स्वच्छता के मामले में वे जागरूक तो हो सकें, वहीं उन्हें चल रहे नवाचार की भी जानकारी मिले। इसके लिए निगम इन छात्रों का दौरा करवाकर प्लांट की जानकारी देगा।

 

साढ़े 8 करोड़ कमा चुका है निगम
यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि नगर निगम कचरे का निपटान कर अब तक कार्बन क्रेडिट को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेचकर साढ़े 8 करोड़ रुपए से अधिक की राशि कमा चुका है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल के मुताबिक निगम ने पहले साल में 70 लाख, तो दूसरे साल में 8.34 करोड़, 1 लाख 70 हजार टन कार्बन क्रेडिट बेचकर हासिल किए।

20 राज्यों के अधिकारी इंदौर आएंगे
19 फरवरी को प्रधानमंत्री सीएनजी प्लांट (CNG Plant) का वर्चुअली लोकार्पण कर रहे हैं। इस अवसर पर 100 से अधिक प्रतिनिधि देशभर से इंदौर आ रहे हैं। कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक देश के 20 राज्यों से स्वच्छ भारत मिशन के डायरेक्टर्स के अलावा केन्द्र और राज्य शासन के अधिकारी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे, वहीं व्यापारी संगठनों, गणमान्य नागरिकों को भी बुलाया है।


पुलिस-प्रशासन के अफसर भी भौचक
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर सीएनजी प्लांट (CNG Plant)  को देखने के लिए कल कलेक्टर मनीष सिंह ने पुलिस और अपने महकमे के अफसरों को भी बुलाया। मंत्री तुलसीराम सिलावट, मधु वर्मा, गौरव रणदिवे, रमेश मेंदोला, आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा के अलावा पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र सहित अन्य अफसर कचरा निपटान प्रबंधन देख भौचक रह गए।


मलबे से बना डाली ईंटें और ब्लॉक
निगम ने मलबे से ईंटों, पेवर ब्लॉक और चेम्बरों के ढक्कन बनवाने का प्लांट (Plant) भी ट्रेंचिंग ग्राउंड पर शुरू किया। यह मे. इंटरप्राइजेस ने बनाया। इसके प्रमुख सोनी सलूजा हैं।


60 सालों से सड़ रहे 15 लाख टन कूड़े के पहाड़ गायब
कुछ वर्ष पूर्व ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बदबूदार कचरे के पहाड़ थे और 60 सालों का 15 लाख टन कचरा डम्प पड़ा था। इसका निपटान करते हुए अब वहां खूबसूरत गार्डन बना दिया है, जहां पर कई प्रतिष्ठित लोग बैठकर चाय-नाश्ता कर चुके हैं। देश में इस तरह से कचरे का निपटान अन्य किसी शहर में नहीं हुआ।

 

Share:

Next Post

IPL 2022: Virat Kohli के कप्तानी छोड़ने के बाद RCB को नहीं मिला नया कप्तान, ये तीन खिलाड़ी कमान संभालने के प्रबल दावेदार

Thu Feb 17 , 2022
नई दिल्ली। आईपीएल 2022 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और सभी फ्रेंचाइजियों ने अपना-अपना स्क्वॉड भी तैयार कर लिया है। मेगा ऑक्शन के बाद सभी टीमों में कई बड़े बदलाव हुए हैं। खिलाड़ियों के फेरबदल के साथ-साथ कई टीमों के कप्तान भी बदल गए हैं। हालांकि 10 में से आठ […]