इंदौर: शिवराज सरकार बेटियों के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है. उनके जन्म से लेकर पढ़ाई और उच्च शिक्षा से लेकर स्वरोजगार तक के लिए कई योजनाएं मौजूद है. इन सारी योजनाओं ने बेटियों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया है. इन योजनाओं में ‘गांव की बेटी योजना’ भी शामिल है.
ग्रामीण भागों में रहने वाली लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत गांव में रहकर 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास करने वाली बेटियों को सरकार हर महीने आर्थिक मदद करती है.
छात्राओं को 7500 की मदद
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई “गांव की बेटी” योजना में ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 500 रुपए प्रतिमाह की दर से 10 माह तक प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. इंजीनियरिंग तथा मेडिकल छात्राओं के लिये 750 रुपए प्रतिमाह की दर से 10 माह के लिए 7500 रुपए की वार्षिक सहायता दी जाती हैं. यह योजना मात्र स्नातक स्तर तक अध्ययनरत छात्राओं के लिए ही है.
योजना के लिए पात्रता
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले ग्रामीण परिवार की छात्रा कक्षा 12 में 60% या उससे अधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण होने पर मध्यप्रदेश शासन की गांव की बेटी योजना के लिए पात्र होगी. इसके अलावा छात्रा ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती हो (गांव की बेटी प्रमाण पत्र हो). यह योजना सभी वर्गों की छात्राओं के लिए है.
आवेदन कैसे करें?
गांव की बेटी योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन प्रकिया के जरिए होंगे. छात्रवृत्ति के पोर्टल पर आवेदन करना होगा. पोर्टल पर आवेदन पश्चात् सम्बंधित महाविद्यालय द्वारा दस्तावेज परीक्षण कर लीड कॉलेज को सेंक्शन के लिए भेजा जाएगा. वहां से स्वीकृति मिलने पर बैंक खातें में राशि जमा होगी.
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