- 15 दिन तक चलेगा आयोजन-रोज शाम दो घंटे होगी ढोली बुआ की कथा
उज्जैन। आज ज्येष्ठ मास की शुक्ल प्रतिपदा से 15 दिवसीय गंगा दशहरा पर्व की शुरुआत शिप्रा तट पर हो गई। सुबह भागसीपुरा स्थित गंगा माता मंदिर से रथ पर सवार होकर गंगा माता को यहाँ लाकर विराजित किया गया। पर्व के दौरान रोज शाम 6 से 8 बजे तक ढोली बुआ की कथा आयोजित की जाएगी।
आज सुबह भागसीपुरा से यहाँ स्थित श्री गंगा माता मंदिर से सवारी निकाली गई। इसमें सुसज्जित रथ पर सवार होकर गंगा माता शिप्रा तट पहुँची तथा उन्हें वहाँ विधि विधान से विराजित कराया गया। आयोजकों के अनुसार प्रतिवर्ष गंगा दशहरा पर्व पर रामघाट पर यह आयोजन किया जाता है। कोरोना काल के कारण दो साल तक यह उत्सव नहीं मन पाया था। परंपरा के अनुसार आयोजन में ग्वालियर के संत बालकृष्ण ढोली बुआ की कथा का आयोजन भी आज शाम से शुरु हो जाएगा। वे रात 8 बजे से 10 बजे तक भक्तों को नारदीय कीर्तन व हरि कथा सुनाएँगे। आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे और गंगा दशहरे पर 9 जून को भव्य समारोह के साथ इसका समापन होगा। शाम को गोधुली बेला में शिप्रा माता का पंचामृत पूजन अभिषेक कर गंगा दशहरे के अवसर पर उन्हें 400 मीटर लंबी चुनर ओढ़ाई जाएगी। साथ ही इस दिन शाम को भजन संख्या का आयोजन होगा और हजारों लोग कार्यक्रम में शामिल होंगे।