नई दिल्ली (New Delhi)। हिंदू पंचाग के अनुसार गंगा दशहरा (Ganga Dussehra ) का पर्व ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. मां गंगा के अवतरण की वजह से ही इसे गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है. इस दिन गंगा स्नान, गंगा जल का प्रयोग करना और दान धर्म का कार्य करना लाभकारी माना जाता है. इस दिन गंगा की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है और इस दिन व्यक्ति को मुक्ति मोक्ष का लाभ मिलता है. इस बार गंगा दशहरा मंगलवार (Tuesday) यानी आज मनाया जा रहा है.
गंगा दशहरा की पूजन में करें ये खास काम
घी में चुपड़े हुए तिल और गुड़ को दल में डालें. मां गंगा का ध्यान करके उनकी पूजा करें और मंत्रों का जाप (chanting mantras) करें. पूजन में जो सामग्री का प्रयोग करें, जिसकी संख्या दस हो. विशेष रूप से दस दीपक का प्रयोग करें. दान भी 10 ब्राह्मणों को करें. साथ ही संकल्प लें कि गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी को गंदा नहीं करना है. साथ ही इस दिन समय निकालकर भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करें.
अगर पवित्र नदी तक ना जा पाएं
– घर में ही शीतल जल से स्नान करें.
– जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं या तुलसी के पत्त डालें.
– इसके बाद मां गंगा का ध्यान करते हुए स्नान करें.
– स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें.
– इसके बाद मां गंगा के मंत्रों का जाप करें.
– आखिरी में निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को दान करें.
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त (Ganga Dussehra 2023 Shubh Muhurat)
ज्येष्ठ दशमी तिथि की प्रारंभ – मई 29, 2023 यानी कल सुबह 11 बजकर 49 मिनट से
दशमी तिथि का समापन – मई 30, 2023 यानी आज दोपहर 01 बजकर 07 मिनट तक
हस्त नक्षत्र प्रारम्भ – मई 30, 2023 को आज सुबह 04 बजकर 29 मिनट से
हस्त नक्षत्र समापन – मई 31, 2023 यानी कल सुबह 06 बजे तक
व्यतीपात योग प्रारम्भ – मई 30, 2023 को यानी आज रात 08 बजकर 55 मिनट से
व्यतीपात योग समाप्त – मई 31, 2023 को यानी कल रात 08 बजकर 15 मिनट तक
स्नान दान का समय – आज सुबह 04 बजकर 03 मिनट से सुबह 04 बजकर 43 मिनट तक
गंगा दशहरा 2023 शुभ योग (Ganga Dussehra 2023 Shubh Yog)
गंगा दशहरा पर रवि और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. साथ ही आज के दिन शुक्र ग्रह कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. शुक्र के गोचर से इस दिन धन योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन रवि योग पूरे दिन ही रहेगा. साथ ही सिद्धि योग की शुरुआत 29 मई यानी कल रात 09 बजकर 01 मिनट पर शुरू हो चुका है और इसका समापन 30 मई यानी आज रात 08 बजकर 55 मिनट होगा.
गंगा दशहरे पर दान
गंगा दशहरे पर पानी या फिर शर्बत से भरा कलश दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। कलश दान का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। यदि वह जल से भरा हो तो और भी शुभ है। ऐसा करने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरे पर छाता, जूता, चप्पल और टोपी का दान करना भी परमफलदायी माना गया है। दरअसल गंगा दशहार ज्येष्ठ मास में होता है और इस वक्त गर्मी चरम पर होती है। इसलिए धूप से बचाने वाली वस्तुओं का दान करना शास्त्रों में परम पुण्य माना गया है।
गंगा दशहरे पर सत्तू, पानीदार फल और मौसमी फलों का दान करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन सत्तू के साथ दान करने की वस्तुओं में गुड़ भी रखा जाता है।
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