नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (Central Bureau of Investigation (CBI)) ने बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह विदेश (abroad) में नौकरी (Job) दिलाने की आड़ में भारतीयों (Indian youths) को रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) क्षेत्र में ले जाता था। जांच एजेंसी ने 13 स्थानों पर कार्रवाई कर 50 लाख नकद और कई डिजिटल उपकरण (digital devices) जब्त किए। एजेंसी ने कुछ संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै एवं चेन्नई में तलाशी अभियान चलाया गया। नकद धनराशि के अलावा कई अहम दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल, डेस्कटॉप, सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किए गए हैं। सीबीआई ने निजी वीजा कंसल्टेंसी फर्मों एवं एजेंटों समेत कई अन्य के खिलाफ बुधवार को मानव तस्करी का मामला दर्ज किया था।
35 लोगों को भेजा रूस-यूक्रेन
अधिकारी ने बताया है कि अभी तक जांच में सामने आया है कि इन लोगों ने नौकरी का झांसा देकर अभी तक 35 लोगों को रूस और यूक्रेन भेजा चुका है। सीबीआई ने इस रैकेट के काम करने के तरीके के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि ये लोग विदेश में आकर्षक नौकरी दिलाने का वादा करते थे। ये तस्कर एक संगठित नेटवर्क के रूप में काम कर रहे हैं और यूट्यूब आदि जैसे सोशल मीडिया चैनलों और अपने स्थानीय संपर्कों/एजेंटों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को रूस में उच्च वेतन वाली नौकरियों के लिए झांसा दे रहे थे।
प्रति व्यक्ति 3.5 लाख रुपये वसूले
एजेंटों ने युवाओं से रूस में मोटी तनख्वाह के नाम पर प्रति व्यक्ति 3.5 लाख रुपये वसूले। बाद में यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए भेज दिया गया था। सीबीआई की यह कार्रवाई रूस-यूक्रेन युद्ध में हैदराबाद के मो. अफसान के मारे जाने के बाद की गई।
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