चडीगढ़: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस (sidhu moosewala murder case) में जेल में बंद आरोपियों के बीच गैंगवार (Gangwar) सामने आया है. जिसमें दो गैंगस्टर की मौत हो गई, जबकि एक घायल हआ है. जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जानकारी के मुताबिक रविवार दोपहर करीब 3 बजे तरन तारन स्थित गोइंदवाल की केंद्रीय जेल (Goindwal Central Jail) में बंद आरोपी आपस में भिड़ गए. इस दौरान कई आरोपियों को गंभीर चोटें आईं, जिनमें से दो गैंगस्टर की मौत हो गई, जो सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) मर्डर केस में आरोपी थे.
डीएसपी जसपाल सिंह ढिल्लों ने जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब गोइंदवाल साहिब जेल में बदमाशों के बीच मारपीट हुई, जिसमें रय्या निवासी दुरान मनदीप सिंह तूफान और बुढलाडा निवासी मनमोहन सिंह मोहना की मौत हो गई. बठिंडा निवासी केशव सिविल अस्पताल तरनतारन में भर्ती कराया गया है.
जानकारी के मुताबिक केशव को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने गुजरात के मुंद्रा इलाके से गिरफ्तार किया था. वहीं दूसरा गैंगस्टर मनमोहन मोना ने मूसेवाला की हत्या से पहले उनकी रेकी की थी और वह मानसा का ही रहने वाला है. मोना गैंगस्टर जग्गू भगवान पुरिया का खास था. जबकि मनदीप तूफान को मूसेवाला की हत्या के लिए बैकअप शूटर के तौर पर रखा गया था. उसे पंजाब एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने पकड़ा था.
पिछले साल 29 मई को पंजाब के मानसा जिले स्थित जवाहरके गांव के नजदीक सिद्धू मूसेवाला की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बरार ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी. गोल्डी बरार तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी है. इन्होंने अपने दोस्त विक्की मिद्दूखेड़ा की मौत का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. मिद्दूखेड़ा की 2021 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. लॉरेंस गैंग का मानना था कि विक्की मिद्दूखेड़ा के हत्यारों को सिद्धू मूसेवाला ने पनाह दी थी.
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, मनमोहन मोहना, दीपक टीनू, सन्दीप केकड़ा, अंकित सिरसा, प्रियव्रत फौजी, सचिन भिवानी, केशव, कशिश, एनकाउंटर में मारे गए मनप्रीत मानु, जगरूप रूपा, फरार शुटर्स दीपक मुंडी, मनप्रीत भाऊ के साथ ही जेलों में बन्द अन्य आरोपी को अपनी चार्जशीट में आरोपी बनाया है. इस चार्जशीट में करीब 40 से ज्यादा लोगों को गवाह बनाया गया है, जिसमे जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी, सिद्धू मूसेवाला का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, मूसेवाला के साथ घटना के वक्त उसकी थार में सवार दोनो चश्मदीद शामिल हैं.
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