- पहले दिन 13 भिक्षुकों को भिजवाया पुनर्वास केन्द्र… कई तरह की सामाजिक विसंगतियां भी सामने आईं
इंदौर। शहर (City)को एक बार फिर भिखारी (Beggars) मुक्त बनाने की शुरुआत निगम (Muncipal)ने की है, जिसके चलते कल पहले दिन लगभग 13 भिक्षुकों को परदेशीपुरा (Pardeshipura) स्थित पुनर्वास केन्द्र ( Rehabilitation Center)पर लाया गया। इस कार्य में एक एनजीओ (NGO)संस्था की भी मदद ली जा रही है। कुछ बुजुर्ग इसलिए भीख मांगते पाए गए क्योंकि उनके बेटे-बहू का कहना है कि कैसे भी कमाकर लाओ, लिहाजा मजबूरी में भीख मांगना पड़ रही है।
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि शहर के प्रमुख ट्रैफिक सिग्नल पाइंट, धर्म स्थलों के आसपास, गांधी हाल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित ऐसे अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भीख मांगने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लिहाजा निगम ने सामाजिक कल्याण विभाग महिला एवं बाल विकास के साथ ही एनजीओ संस्था प्रवेश और गोल्ड कोइन सेवा ट्रस्ट के माध्यम से इन भिक्षुकों को परदेशीपुरा स्थित रैन बसेरा में बनाए अस्थायी पुनर्वास केन्द्र पर लाया जा रहा है। कल पहले दिन एनजीओ संस्था प्रवेश की प्रमुख रुपाली जैन ने बताया कि बड़ा गणपति, मल्हारगंज सहित अन्य क्षेत्रों से महिला और पुरुष भिखारियों को समझाकर केन्द्र भिजवाया। इस दौरान कई तरह की सामाजिक विसंगतियां भी देखने-समझने को मिली। कुछ परिवार के सदस्यों के कारण, तो कुछ नशे के कारण भी भीख मांग रहे हैं। वहीं शहर में बच्चों से भीख मंगवाने वाली कुछ गैंग भी सक्रिय मिली है। इस संबंध में पुलिस-प्रशासन को जानकारी भी दी जा रही है। दरअसल कई ट्रैफिक सिग्नलों पर छोटे-छोटे बच्चे भीख मांगते नजर आते हैं। इनके माध्यम से पर्स उड़ानें, कारों में रखे सामानों को चुराने सहित अन्य आपराधिक गतिविधियां भी ये गैंग करवाती है। अभी इन भिक्षुकों का रोजगार के साथ-साथ पेंशन दिलवाने की प्रक्रिया भी की जाएगी, ताकि फिर से यह भीख मांगने सड़कों पर नजर ना आएं।