- गणेश उत्सव को लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी : आयोजकों को नाम और मोबाईल नंबर थाने में देना पड़ेंगे
उज्जैन। 7 सितम्बर से शुरू हो रहे गणेश उत्सव को लेकर शहर में गणेश मंडलियों के द्वारा तैयारियाँ शुरू कर दी गई है। इस बार 300 से अधिक स्थानों पर पांडाल सजाकर गणेश जी की छोटी बड़ी प्रतिमाएँ विराजित की जाएगी। इसमें पांडालों तथा मूर्तियों के हिसाब से सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा, वहीं आयोजन समिति के सभी व्यक्तियों के नाम और मोबाइल नम्बर संबंधित थाने में देना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि शहर में सभी निजी व सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों में गणेश स्थापना हेतु नगर निगम, पुलिस थाना, विद्युत विभाग व यातायात पुलिस सहित अन्य सभी संबंधित कार्यालयों से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। मामले में जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी जयंत सिंह राठौर ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से इस बार कई सावधानियाँ पुलिस प्रशासन द्वारा बरती जाएगी। जहाँ पांडाल और बड़ी मूर्तियाँ स्थापित होंगी, वहाँ पर वालेंटियरों की संख्या ज्यादा रखी जाएगी। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अगर गणेश उत्सव आयोजन समितियाँ शासन की गाइड लाइन का पालन करेंगे तो त्यौहार अच्छे से मना पाएँगे। किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि होती है तो पुलिस प्रशासन को तत्काल अवगत कराएं। हर पांडालों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाना जरूरी है। 24 घंटे 2 व्यक्ति पंडाल में सुरक्षा में तैनात रहे। पांडाल में बजने वाले म्यूजिक में कोई भी आपत्तिजनक गाना नहीं बजाया जाएगा। रात्रि दस बजे के बाद म्यूजिक बंद कर दिए जाएँगे। पांडालों में लगने वाली लाइटिंग आदि के लिए नियमानुसार बिजली विभाग से बिजली कनेक्शन लेना जरूर होगा।
चोरी की बिजली से पांडाल नहीं हो पाएँगे रोशन
शहर में लंबे-चौड़े पांडाल बनाने का काम शुरू हो गया हैं, इसी बीच बिजली कंपनी ने गणेश उत्सव समितियों को चेताया है कि उत्सव के दौरान चोरी की बिजली से पांडालों को रोशन ना करें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बिजली ट्रांसफार्मर और लाइन के नीचे पांडाल लगाने से बचें। इस संबंध में बिजली कंपनी के कार्यपालन यंत्री सतीश कुमरावत ने कहा कि शहरभर में गणेश पांडाल में रोशनी के लिए अस्थायी बिजली कनेक्शन लेना जरूरी होगा। बिजली चोरी करने पर समितियों पर धारा 135 के तहत कार्रवाई की जाएगी।