उज्जैन: देश भर में आज गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर भगवान श्री गणेश के मंदिरों (temples of shri ganesh) को सजाया गया है. वहीं मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain of Madhya Pradesh) में गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान महाकाल (Lord Mahakal) के दरबार में राजाधिराज महाकाल ने भगवान श्री गणेश के रूप में भक्तों को दर्शन दिए. मंदिर में आज दिनभर होने वाले श्रृंगार में भगवान शिव गणेश के रूप में दर्शन देंगे. यह अद्भुत परंपरा द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे नंबर पर विराजित भगवान महाकाल के दरबार में प्राचीन समय से निभाई जा रही है.
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त में कपाट खुलने के बाद भगवान महाकाल का दूध, दही, शहद, शक्कर, फलों के रस व इत्र से स्नान और अभिषेक किया गया. इसके बाद भगवान महाकाल ने निराकार से शाखा रूप धारण किया. भस्म आरती में भगवान महाकाल ने भगवान श्री रूप श्री गणेश का रूप धारण किया. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी राम गुरु के मुताबिक गणेश चतुर्थी पर हर साल भगवान महाकाल श्री गणेश के रूप में दर्शन देते हैं. यह अद्भुत परंपरा महाकालेश्वर के दरबार में काफी समय से निभाई जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि भक्तों को भगवान महाकाल के साथ-साथ भगवान श्री गणेश के भी रूप के दर्शन होते हैं.
महाकालेश्वर दर्शन करने आए महेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने भगवान महाकाल और भगवान श्री गणेश दोनों का एक साथ आशीर्वाद लिया है. वे भाग्यशाली है जो गणेश चतुर्थी पर भगवान के इस स्वरूप के दर्शन हुए. महाकालेश्वर मंदिर के पुरोहित भूषण गुरु ने बताया कि भगवान महाकाल के भस्म आरती से शयन काल आरती तक भगवान श्री गणेश के रूप में दर्शन होंगे. उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में सभी पर्व धूमधाम के साथ मनाए जाते हैं. यहां पर भगवान श्री गणेश के साथ-साथ अर्धनारेश्वर, भगवान विष्णु, भगवान श्री कृष्ण के रूप में भी दर्शन देते हैं. भगवान महाकाल के इन अद्भुत रूपों के दर्शन करने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन आते हैं.
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