नई दिल्ली (New Dehli) । हर साल भाद्रपद (Bhadrapada) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से 10 दिवसीय गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) की शुरुआत इस बार 19 सितंबर से होने जा रही है जो कि अनंत चतुर्दशी (Chaturdashi ) तक चलती है। गणेश चतुर्थी के दिन घरों, पंडालों में रिद्धि सिद्धि के दाता गणपति (Ganapati )जी विराजमान होते हैं।
भगवान गणेश को रिद्धि-सिद्धि और सुखों का प्रदाता माना जाता है। इनकी पूजा से जीवन में चल रही संकटों का नाश होता है और मनचाहे वरदान की प्राप्ति होती है। इसलिए हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi ) का त्योहार मनाया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार गणेश चतुर्थी पर अद्भुत संयोग बनने जा रहा है।
कैसे करें गणपति की पूजा?
गणेश चतुर्थी पर इस दुर्लभ संयोग के बीच भगवान गणेश की पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होने वाली है। इस दिन सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा करने वालों के मन की हर इच्छा पूरी हो सकती है। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की एक प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें लड्डू और मोदक का भोग लगाएं। भगवान को लाल और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। भगवान गणेश को दूर्वा भी बहुत प्रिय है। इसके अलावा, गणेश चतुर्थी पर गणपति के चमत्कारी मंत्रों का जाप करें।
गणेश चतुर्थी पर बन रहे शुभ योग:-
हिंदी पंचांग के अनुसार 19 सितंबर 2023 मंगलवार के दिन स्वाति नक्षत्र 19 सितंबर की सुबह से लेकर दोपहर 01 बजकर 48 तक रहेगा। इसके बाद विशाखा नक्षत्र शुरू होगा जो रात तक रहेगा। इन दोनों नक्षत्रों को बेहद शुभ माना जाता है। दरअसल, स्वाति नक्षत्र होने से ध्वजा और इसके बाद विशाखा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इसके साथ ही इस दिन वैधृति योग भी रहेगा।
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