नई दिल्ली। आज गणेश चतुर्थी(Ganesh Chaturthi ) का त्योहार है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह (Bhadrapada month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. यूं तो हर महीने में गणेश चतुर्थी आती है लेकिन भाद्रपद माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को काफी खास माना जाता है. गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है. इस दिन लोग घर में गणपति बप्पा(ganpati bappa) की मूर्ति की स्थापना करते हैं और पूरे 10 दिन उनकी पूजा-अराधना करते हैं. 10 वें दिन अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. तो आज गणेश चतुर्थी के खास अवसर पर जानें गणपति बप्पा को घर लाने का शुभ समय-
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2022 Shubh Muhurat)
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 30, 2022 को शाम 03 बजकर 33 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त – अगस्त 31, 2022 को सुबह 03 बजकर 22 मिनट तक
गणेश चतुर्थी का चौघड़िया मुहूर्त
लाभ – उन्नति: सुबह 06 बजकर 23 मिनट से 07 बजकर 57 मिनट तक
अमृत – सर्वोत्तम: सुबह 07 बजकर 34 मिनट से सुबह 09 बजकर 10 मिनट तक
चर: सामान्य: सुबह 09 बजकर 10 मिनट से सुबह 10:46 मिनट तक
शुभ: उत्तम: सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक
गणेश चतुर्थी पर बनने वाला शुभ योग (Ganesh Chaturthi Shubh Yog)
रवि योग- सुबह 06 बजकर 23 मिनट से सितम्बर 01, 12 बजकर 12 मिनट तक
शुभ योग- प्रात: काल से पूरे दिन
गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री (Ganesh Chaturthi Pujan Samagri)
गणेश चतुर्थी के त्योहार में कुछ खास चीजों का इस्तेमाल होता है. इन चीजों के बगैर गणेश चतुर्थी की पूजा अधूरी मानी जाती है. गंगाजल, धूप, दीप, कपूर, मूर्ति स्थापित करने के लिए चौकी, लाल रंग का कपड़ा, दूर्वा, जनेऊ, रोली, कलश, मोदक, फल, सुपारी, लड्डू, मौली, पंचामृत, लाल चंदन, पंचमेवा इत्यादि.
इस तरह करें गणेश जी की स्थापना और पूजा (Ganesh Chaturthi sthapana & pujan)
सबसे पहले स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और पूजा स्थल की सफाई कर लें. एक चौकी तैयार करें और उसपर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछा लें. इसके बाद चौकी पर गणपति बप्पा को स्थापित करें. गणपति बप्पा को बैठाते समय
अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च।
श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।
इस मंत्र का जाप करें. इसके बाद गणपति बप्पा को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर उन्हें वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद उन्हें तिलक लगाएं और अक्षत चढ़ाएं. फिर बप्पा को भोग चढ़ाएं. इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करें और बप्पा की आरती करें. ध्यान रखें पूजा के समय गणपति बप्पा को दूर्वा जरूर अर्पित करें. दूर्वा के बिना गणेश जी की पूजा अधूरी मानी जाती है. आप चाहों ते गणपति बप्पा को दूर्वा की माला बनाकर भी पहना सकते हैं.
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