इंदौर। बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान में टेक्नालॉजी की मदद से भिक्षुकों को पकड़ा जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से प्रशासन ने कार्रवाई कर 51 भिक्षुकों को विभिन्न चौराहों पर भीख मांगते हुए पकड़ लिया, लेकिन इन्हें भीख देने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर शहर में सात दलों के द्वारा सघन अभियान छेड़ा जा गया है। महिला एवं बालविकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं श्रम विभाग की टीम हर दिन चौराहों पर बाल भिक्षुकों को पकडऩे के लिए मुहिम छेड़ रखी है।
सिटी बस आफिस, गीता भवन, विजयनगर, 56 दुकान चौराहों पर लगे कैमरों की मदद से मानिटरिंग की जा रही है। प्रशासन की इस कार्रवाई से चौकन्ने होकर चौराहों से गायब हुए बाल भिक्षुकों को अब सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से ट्रेस किया जा रहा है। 51 बाल भिक्षुकों को प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से चौराहों पर ही पकड़ा। कलेक्टर के निर्देश पर शहर के सभी चौराहों, मंदिर, मस्जिद, व्यापारिक क्षेत्र, व्यस्ततम बाजारों में पोस्टर लगाकर भिक्षावृत्ति को बढ़ावा नहीं देने के निर्देश दिए गये हैं। जनजागरूकता के लिए प्रशासन ने चौराहों पर जागरूकता मुहिम भी चलाई थी।
सरकारी दफ्तरों, न्यायालय के साथ-साथ ऐसे क्षेत्र, जहां पुलिस या प्रशासन की नजर नहीं पड़ती, ऐसे स्थानों को भिक्षुकों ने अब अपना ठिकाना बना लिया है। गांधी हाल परिसर, पीपल्याहाना स्थित कृषि महाविद्यालय की खाली पड़ी जमीन, कनाडिया रोड, बायपास पर खाली प्लाटों को भिक्षुकों ने अपना ठिकाना बना लिया है। अब प्रशासन की मुहिम के आघार पर यह भिक्षुक शहर में निकलते हैं। पौधारोपण महाअभियान में अधिकारियों की व्यस्तता की भनक लगते ही चौराहों पर फिर भिक्षावृत्ति शुरु हो गई थी, लेकिन अब एक बार फिर लगाम लगाने की तैयारी की जाएगी।
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