श्रीनगर। गांदरबल हमले (Ganderbal Attack) में लश्कर-ए-ताइबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े पाकिस्तानी आतंकियों (Pakistani terrorists) के शामिल होने का शक है। आतंकियों ने कैंप और मजदूरों (Camps and laborers) की गतिविधियों की रेकी की। साइट प्लान का अध्ययन किया और हमले को अंजाम दिया।
जांच कर रहीं सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि शांतिप्रिय इलाका माने जाने वाले गगनगीर में आतंकी हमले के पीछे स्थानीय मददगारों का हाथ हो सकता है, जिन्होंने न केवल आतंकियों को शरण दी, बल्कि उन्हें लाने और ले जाने में भी मदद की। स्थानीय मददगारों की मदद से ही कैंप के बारे में पूरी जानकारी जुटाई गई। मजदूर व अधिकारी किस इलाके में रहते हैं, कब इनकी अधिक संख्या होती है, यह जानकारी हासिल की। एजेंसियों को कैंप में रह रहे स्थानीय मजदूरों पर भी जानकारी साझा करने का शक है।
एनआईए जांच शुरू
इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम सोमवार को घटनास्थल पहुंची आैर सबूत जुटाए। वहीं, आतंकियों को पकड़ने के लिए इलाके में बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
एलजी बोले…जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव व लोकतंत्र में भरोसे से हताश पड़ोसी की करतूत
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने हमले के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव और लोकतंत्र में नागरिकों का भरोसा देकर पड़ोसी हताश और परेशान हो गया है। वह आतंकियों के जरिये कायरतापूर्ण हरकतें कर रहा है।
एलजी ने कहा कि सुरक्षाबलों को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की खुली छूट दी गई है। ऐसी कार्रवाई करेंगे, जिसे आतंकी भूल न सकेंगे। सुरक्षाबलों ने जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले विदेशी आतंकियों से निपटने के लिए नई रणनीति बनाई है। शांति बिगाड़ने के लिए कुछ विदेशी आतंकियों ने राजोरी, पुंछ, कठुआ व सांबा में घुसपैठ की है।
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