उज्जैन। 10 दिन पहले शहर में जल संकट था लेकिन आज सुबह गंभीर के गेट खोलना पड़े क्योंकि पानी अधिक आ गया था। वर्षा ने एक सप्ताह में स्थिति बदलकर रख दी। प्रशासन समझ नहीं पा रहा है कि पानी बहाये या कहीं संरक्षित करें। यशवंत सागर के गेट खोलने से एकाएक गंभीर डेम का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था पिछले 10 दिनों में धीरे-धीरे लगातार जल स्तर में वृद्धि हो रही थी। 10 दिन पहले डेम में मात्र 386 एमसीएफटी पानी बचा था और शहर में जल संकट की चर्चा होने लगी थी, यदि यशवंत सागर फुल नहीं होता तो शहर में भारी जल संकट हो सकता था लेकिन यशवंत सागर फुल हुआ और बार-बार गेट खुले, इसके चलते गंभीर डेम आज सुबह 6 बजे अपनी क्षमता 2250 एमसीएफटी भर गया और गेट नंबर 6 को 3 मीटर सुबह खोला गया।
इंजीनियरों ने बताया कि डेम के 2250 एमसीएफटी जलस्तर को मेनटेन रख ज्यादा भरने पर ही गेट खोले जाएँगे। अब बारिश के सीजन के मौसम विभाग के अनुसार 25 सितंबर में 1 दिन शेष बचा है और इसके बाद ठंड का मौसम शुरू हो जाएगा। बारिश के सीजन के अंत में ही सही लेकिन शहर का गंभीर डेम भरा गया तो अब जल संकट की संभावना नहीं रहेगी।
ओवरफ्लो हो रहे बांध के गेट खोलने की अपेक्षा पानी शहर में प्रदाय किया जाए
गंभीर बांध ओवरफ्लो होने की चर्चाओं के बीच एक सुझाव आया है कि यदि गम्भीर डेम ओवर फ्लो होता है, तो गेट खोल कर पानी बहाने की अपेक्षा शहर में प्रदाय किया जाना उचित है। वरिष्ठ रंगकर्मी सतीश दवे ने कहा लगातार वर्षा से गंभीर बांध में पानी की तेज आवक बनी हुई है और डेम ओवरफ्लो हो चुका है। इस स्थिति में डेम का एक गेट खोलकर पानी बहाया जा रहा है, जबकि शहर में पिछले लंबे समय से एक दिन छोड़कर जल प्रदाय किया जा रहा है। ऐसे में डेम में जमा पानी को गेट खोलकर बहाने की बजाए शहर में जल वितरण शुरू कर दिया जाए जिससे शहरवासियों को पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा और डेम का पानी वेस्ट भी नहीं होगा।
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