उज्जैन। पानी की टंकियाँ नहीं भरने के कारण शहर में जल वितरण व्यवस्था में भारी परेशानी हो रही है। कई स्थान पर नाराज लोग घेराव और चक्का जाम भी कर रहे हैं। इस पर महापौर ने कहा कि वर्षों से पीएचई में पदस्थ कर्मचारियों को हटा दिया गया। इस संबंध में किसी से कोई बात नहीं की, इस कारण शहर के यह हालात बने हैं।
उज्जैन शहर में पानी को लेकर आ रही परेशानी और लगातार टंकियों तक पानी नहीं पहुँचने को लेकर उज्जैन महापौर मुकेश टटवाल ने अग्रिबाण को बताया कि मैं जनता का चुना हुआ जनप्रतिनिधि हूँ। शहर का प्रथम नागरिक हूँ। किंतु विगत कई माह से शहर में व्याप्त पेयजल संकट के संबंध में मुझसे किसी भी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा विचार-विमर्श नहीं किया गया तथा आचार संहिता के दौरान शहर में जल प्रदाय की समस्या उत्पन्न हुई, जिसका मुख्य कारण प्रशासकीय अधिकारियों द्वारा लिए गए असंगत निर्णय हैं। पूर्व में इस प्रकार के निर्णय कभी नहीं लिए गए जिससे शहर की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा हो। गंभीर बांध के निरीक्षण के दौरान देखने में आया कि गंभीर डेम पर पानी साफ एवं स्वच्छ है पर जब यह पानी फिल्टर प्लांट पर पहुँचता है, जहाँ से सप्लाई हेतु भेजा जाता है जिसमें जगह-जगह पेयजल लाइन के क्षतिग्रस्त होने के कारण गंदा पानी मिलने के कारण पानी मटमेला हो जाता है। उक्त समस्या के समाधान हेतु क्षतिग्रस्त लाइनों का संधारण करना आवश्यक है, इस हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है। महापौर ने बताया कि पीएचई में वर्षों से वाटर सप्लाई के लिए पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों को मनमाने निर्णय के तहत हटा दिया गया और अनुभवहीन कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई, इस कारण से शहर में पानी की टंकियों तक पानी नहीं पहुँच रहा है और लोग परेशान हो रहे हैं। गंभीर डेम पर पर्याप्त पानी है लेकिन मनमाने निर्णय के कारण शहर की जनता को समय पर पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और लोग परेशान हो रहे हैं। कल गुरुवार को महापौर मुकेश टटवाल द्वारा जल कार्य एवं सीवरेज विभाग के प्रभारी प्रकाश शर्मा एवं पीएचई के कार्यपालन यंत्री एन.के. भास्कर, उपायुक्त मनोज मौर्य, जोन अध्यक्ष विजय सिंह कुशवाहा, संग्राम सिंह भाटिया के साथ गंभीर डेम का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पीएचई के अधिकारी एनके भास्कर ने बताया कि गंभीर डेम में वर्तमान में 30 जुलाई तक का पानी शेष है जो कि एक दिन छोड़कर शहर में आपूर्ति हेतु सप्लाई किया जा रहा है। इसी के साथ चैनल कटिंग करते हुए भी पानी का लेवल बढ़ाया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान जानकारी में आया कि गंभीर डेम पर जो मशीन एवं पंप है वह काफी पुरानी एवं जीर्ण-शीर्ण हो गए हैं। पंपों की संख्या वर्तमान में 6 हैं जिनको अल्टरनेट चलाया जा रहा है। एक साथ पंप को चलाया भी नहीं जा सकता है, साथ ही गंभीर बांध पर बिजली विभाग के ग्रिड की समस्या भी है जिसके कारण बार-बार बिजली की सप्लाई बाधित होने पर पंप खराब हो जाते हैं, उन्हें भी नए लगाने की आवश्यकता है। महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि गंभीर डेम पर पानी बिल्कुल स्वच्छ और साफ है लेकिन गऊघाट पर ट्रीटमेंट प्लांट पर आकर जब पानी टंकियों के लिए सप्लाई किया जाता है तो रास्ते में जो पाइपलाइन से होकर अपनी गुजरता है वह पाइपलाइन पूरी तरह खराब और सड़ चुकी हैं। इन पाइपलाइन में अंदर गंदा पानी मिलता है और फिर वह सप्लाई होता है। इसके कारण गंदा पानी वितरित हो रहा है। महापौर ने कहा कि अधिक समय होने के कारण सभी मशीनें खराब हो चुकी हैं, अब जल वितरण के लिए सिंहस्थ के पहले नई योजना पर काम करना बहुत आवश्यक है।
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