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    गंभीर डेम पूरा भराने को लेकिन प्रतिदिन जलप्रदाय शुरु नहीं किया

  • August 28, 2024

    • 1900 एमसीएफटी पर ठहरी गंभीर डेम में पानी की आवक
    • अभी भी शहर में कम दबाव से किया जा रहा है जलप्रदाय

    उज्जैन। गंभीर डेम में स्टोरेज पूर्ण होने को है और अभी 1900 एमसीएफटी पानी जमा हुआ है जबकि क्षमता 2250 एमसीएफटी की है लेकिन शहर में मटमैला पानी कम दबाव से मिल रहा है और प्रतिदिन जलप्रदाय को लेकर भी अभी कोई निर्णय नहीं हैं।



    उल्लेखनीय है कि 24 अगस्त से शुरु हुई लगातार बारिश के चलते गंभीर डेम में पानी की आवक भी शुरु हो गई थी। कल मंगलवार सुबह 10 बजे तक बांध में 1780 एमसीएफटी जमा हो गया था। गंभीर डेम के प्रभारी इंजीनियर राजीव शुक्ला ने बताया कि गंभीर बांध में पिछले शुक्रवार से पानी की आवक शुरु हो गई थी। इंदौर के यशवंत सागर के इस दौरान दो बार गेट खोले गए। जिसके चलते गंभीर बांध में जलस्तर 469 एमसीएफटी से लगातार बढ़कर आज बुधवार सुबह 11 बजे तक 1900 एमसीएफटी जमा हो गया था। इसके पहले मंगलवार की शाम से ही गंभीर बांध में पानी की आवक बंद हो गई थी। उन्होंने बताया कि यशवंत सागर का इस वर्ष पहली बार एक गेट 23 अगस्त की शाम खोला गया था और दूसरी बार 24 अगस्त की शाम को एक गेट खोला था। कल सुबह इस बंद कर दिया गया था। इसके कारण गंभीर बांध में मंगलवार रात 8 बजे के बाद से पानी की आवक बिलकुल बंद हो गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि दो दिन से उज्जैन में भी बारिश का दौर थमने से डेम के कैचमेंट एरिया से भी पानी की आवक करीब-करीब थम गई है। यही कारण है कि गंभीर बांध का जल स्तर अब 1900 एमसीएफटी पर ठहर गया है। बता दें कि गंभीर बांध की जल संग्रहण क्षमता 2250 एमसीएफटी है। अभी इस स्तर तक पहुंचने के लिए करीब 250 एमसीएफटी पानी की और आवश्यकता है। इसके बाद बांध का लेवल मेंटेन शुरु होगा और आवश्यकता पडऩे पर गेट खोले जाएंगे। इधर नगर निगम में जलकार्य समिति प्रभारी एमआईसी सदस्य प्रकाश शर्मा ने आज सुबह चर्चा में बताया कि भगवान महाकाल की कृपा से गंभीर बांध में 1900 एमसीएफटी पानी आ गया है। जल्द ही यह ओवरफ्लो होगा। इसके बाद ही महापौर और परिषद सदस्य मिलकर शहर में रोज जलप्रदाय व्यवस्था शुरु करने पर विचार करेंगे। अभी बांध पूरा भरने में करीब 300 एमसीएफटी पानी की और आवश्यकता है। ओवरफ्लो होने तथा एक या दो बार डेम के गेट खोलने पर पानी साफ भी हो जाएगा।इधर शहरवासियों का कहना है कि पिछले महीने से ही गंभीर बांध में पानी की आवक शुरु हो गई थी। इसके बावजूद पीएचई ने एक दिन जलप्रदाय व्यवस्था के दौरान भी नागरिकों को पूरे दबाव के साथ जल प्रदाय नहीं किया।

    इस बार उत्सव में मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं पर जोर, प्लास्टर ऑफ पैरिस की मूर्तियों से दूरी
    उज्जैन। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमाएँ बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है और प्लास्टर आफ पैरिस से बनने वाली मूर्तियों से दूरी रखी जा रही है। ऐसा माना जाता है कि प्लास्टर ऑफ पैरिस से बनी मूर्तियाँ विसर्जन के बाद नदी और तालाबों में ही पड़ी रहती है और गल नहीं पाती जिससे प्रदूषण फैलता है।
    लोकमान्य तिलक गणेशोत्सव समिति सहित शहर के कई संगठन तथा भैरवगढ़ जेल में हर वर्ष मिट्टी की गणेश प्रतिमाएँ बनाने का सिलसिला चलता है और इस वर्ष भी यह काम शुरू हो गया। बाजार में आम लोग भी मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाएँ ही खरीदने पहुंचते हैं और प्लास्टर आफ पैरिस की प्रतिमाओं को कम ही पसंद किया जाता है। पिछले करीब 5-6 सालों से मिट्टी की प्रतिमाएँ पूजन के लिए आम नागरिकों द्वारा खरीदी जाती हैं और पीओपी की मूर्तियों से दूरी बनाई जा रही है। आने वाले दिनों में संगठनों द्वारा बड़ी मात्रा में मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं बनाई जाएंगी और उनका वितरण पूजन के लिए किया जाएगा।

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    पेंटिंग करने वाले कलाकारों को रोजी रोटी की व्यवस्था करना हो रहा मुश्किल

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    शहर में पेंटरों पर रोजी-रोटी का संकट उज्जैन। पेंटिंग को एक कला माना जाता है और बच्चों को भी पेंटिंग सिखाने के प्रति अभिभावक प्रेरित करते हैं लेकिन इस कला को व्यवसाय में बदल पाना मुश्किल है। शहर में जो पेंटिंग करने वाले कलाकार हैं उन्हें अब अपने घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा […]
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