बीजिंग। चीन(China) की पोल खोलने वाले एक ब्लॉगर (Blogger) को चीन ने कैद में डाल दिया है। दरअसल, भारत (India) के साथ गलवान घाटी (Galvan Valley) में हुई झड़प में मारे गए चीनी सैनिकों की वास्तविक संख्या (Actual number of Chinese soldiers killed in skirmish) अब तक पता नहीं चल पाई है। हाल ही में गलवान घाटी में हुई झड़प में मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या पर संदेह जताने वाले एक लोकप्रिय चीनी ब्लॉगर को चीन में आठ महीने की जेल की सजा सुनाई गई है।
चीन ने सोमवार को ब्लॉगर चाउ जिमिंग(Blogger Chow Gyming) को ‘शहीदों का अपमान’ करने का दोषी करार देते हुए उसे आठ महीने जेल की सजा सुनाई है। ब्लॉगल चाउ जिमिंग ने अपने ब्लॉग के जरिए चीनी सरकार के दावे पर सवाल उठाया था। दरअसल, पिछले साल गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत ने 40 से ज्यादा चीनी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया था, जिसकी पुष्टि रूस की खुफिया एजेंसी ने भी की थी, लेकिन चीन ने घटना के कई महीनों के बाद सिर्फ 4 सैनिकों के मारे जाने की बात कबूली थी।
अपने ब्लॉग में चाउ जिमिंग ने चीनी सरकार के दावे पर सवाल उठा दिया था। चाउ जिमिंग ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि चीनी अधिकारियों ने सिर्फ चार पीएलए सैनिकों के मारे जाने की बात कही है, लेकिन मेरा मानना है कि गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में हताहत होने वाले सैनिकों की संख्या कहीं अधिक है। यहां तक कि चीनी सैन्य अधिकारियों ने कई महीनों तक चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात को छिपाए रखा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनने के बाद चार सैनिकों के मरने की बात को स्वीकार किया। इस ब्लॉग के बाद 38 वर्षीय चाउ जिमिंग को नानजिंग प्रांत की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। चाउ जिमिंग की गिरफ्तारी के बाद चीनी सैनिकों ने उनका एक वीडियो रिलीज किया था, जिसमें ब्लॉगर चाउ जिमिंग को अपनी गलती मानते हुए दिखाया गया था। वहीं अदालत ने अपने फैसले में चाउ जिमिंग को आठ महीने जेल की सजा सुनाई। ब्लॉगर चाउ जिमिंग ने अपने ब्लॉग में चीन सरकार के झूठ को सार्वजनिक कर दिया था। साथ ही ब्लॉगर ने चीनी सैनिकों की वीरता पर भी सवाल उठा दिए थे। उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा था कि भारतीय सैनिकों के सामने चीन के सैनिक डर गए थे और मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं थे। जिसे चीन सरकार ने सैनिकों का अपमान करार दिया है। हालांकि, चीन की शी जिनपिंग सरकार ने भारतीय सैनिकों से झड़प के बाद सेना के लिए नई गाइडलाइंस जारी की थी और उन्हें बेहतर ट्रेनिंग देने को कहा था।