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    Gaganyaan: आज अंतरिक्ष में मानव भेजकर इतिहास रचने जा रहा भारत का “गगनयान”

  • October 20, 2023

    बैगलूर (Bangalore)। एक बार फिर भारत अंतरिक्ष में इतिहास रचने जा रहा है। इसरो का मिशन चंद्रयान-3 (Mission Chandrayaan-3) सफल रहा। जिसके बाद इसरो (ISRO) का दूसरा मिशन सूर्य मिशन‌ भी नयी कामयाबी लिख रहा है। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद इसरो के सूर्य मिशन के बाद इसरो का नया अंतरिक्ष मिशन तैयारी में है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 21 अक्टूबर को गगनयान मिशन का पहला उड़ान परीक्षण करने जा रहा है। यह परीक्षण शनिवार सुबह 8 बजे

    कल पहली प्रक्षेपण की तैयारी
    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान (गगनयान) के तहत इसरो क्रू एस्केप सिस्टम का इनफ्लाइट एबॉर्ट परीक्षण करने तैयारी कर रहा है। गगनयान मिशन के तहत टीवी-डी1 अपने पहली परीक्षण के लिए 21 अक्तूबर यानी कल उड़ान भरेगा। जिसे सुबह आठ बजे श्रीहरिकोटा से भेजा जाएगा। इससे ही मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान को पंख लग जाएंगे। अगर भारत गगनयान मिशन में सफल होता है तो वह रूस, अमेरिका और चीन के बाद अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने की स्वतंत्र क्षमता रखने वाला चौथा देश बन जाएगा।



    जारी वीडियो में दिखी झलक
    रिपोर्ट्स के मुताबिक ISRO ने इसके लिए अंतरिक्ष यात्री (एस्ट्रोनॉट्स) भी चुन लिए हैं। कुछ दिनों पहले 91वीं वर्षगांठ पर IAF की तरफ से माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘X’ (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया गया था। 11 मिनट लंबे इस वीडियो में वायुसेना की उपलब्धियां गिनाई गई थीं। खास बात है कि इस वीडियो में तीन जवानों की झलक भी दिखाई गई, जिनका चुनाव गगनयान के लिए किया गया था” वीडियो में तीनों जवान तैयारी करते नजर आ रहे थे।

    क्या है गगनयान मिशन
    आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल ही गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रुपए जारी किए थे। यह भारत का इकलौता अंतरिक्ष मिशन है। गगनयान स्पेस फ्लाइट मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा। गगनयान मिशन के तहत ISRO अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में यात्रा कराएगा। इस मिशन के लिए ISRO ने भारतीय वायुसेना से अंतरिक्षयात्री चुनने के लिए कहा था।

    14 जुलाई को लांच हुआ था चंद्रयान-3
    दरअसल चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान (Chandrayaan 3) को भारत के हेवी लिफ्ट रॉकेट एलवीएम3 द्वारा कॉपीबुक शैली में 14 जुलाई, 2023 को कक्षा में स्थापित किया गया था। 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाला चंद्रयान-3 अपनी 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 70 डिग्री अक्षांश के पास उतरा। भारत का मिशन चंद्रयान-3 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया। ऐसा करने वाला भारत पहला देश बना था, इसके विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर लगातार चांद की सतह पर रहकर कई प्रयोग कर रहे हैं।

    आदित्य एल-1 को‌ 02 सितंबर को किया गया था लांच
    रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया गया है कि आदित्य एल-1 को 02 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। 128 दिन की अंतरिक्ष की यात्रा पूरी करने के बाद आदित्य एल-1 पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। आदित्य एल1 पर लगे पेलोड सूरज की रोशनी, प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे।

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    Fri Oct 20 , 2023
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