जयपुर । जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे गुलाम नबी आजाद (Union Minister Ghulam Nabi Azad) का मानना है कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों में अच्छे संबंध जरूरी है। दोनों के बीच अंडरस्टैंडिंग जरूरी है, वरना तो सब एक दूसरे पर पत्थर ही फेंकेंगे। उन्होंने कहा कि संविधान ने भले ही विधायिका को कानून बनाने का अधिकार दिया है, लेकिन विधायक-सांसद को जनता के प्रतिनिधि होने के नाते उनकी समस्याओं को दूर करने और उनकी सुविधाओं को बढ़ाने के प्रयास करने होंगे ताकि उनका विश्वास विधायिका में बना रहे।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को भले ही संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने पर विशेष बल दिया, किन्तु गडकरी इस दौरान खुद को तंज कसने से नहीं रोक पाए। जयपुर में विधानसभा परिसर में संसदीय प्रणाली और जन अपेक्षाएं विषय पर आयोजित कार्यशाला में दोनों ही नेताओं ने शिरकत की और इस दौरान लोगों को संबोधित भी किया।
दोनों नेताओं ने कहा कि यदि संसदीय लोकतंत्र मजबूत होगा तभी देश भी मजबूत होगा। कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा ने किया था। इस दौरान गडकरी ने विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री पर तंज भी कसे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इसलिए दुखी हैं कि पता नहीं कब तक पद पर रहेंगे।
वहीं गडकरी ने कहा कि लोगों की भावनाओं को जीतकर आगे आना ही लीडरशिप कहलाता है। साइकिल, रिक्शों में लोगों को बैठे हुए जब एक व्यक्ति खींचता था तो यह देखकर मुझे दुख होता था, इसलिए ही ई रिक्शा शुरू करवाए। लेकिन अधिकारियों ने इसे गलत बताया। यह मामला कोर्ट तक गया, लेकिन मैंने कहा कि गरीब के लिए कानून तोड़ना पड़ेगा तो वह भी तोड़ूंगा।
उन्होंने कहा कि एक विधायक को एक अच्छा छात्र और टीचर भी होना चाहिए, क्योंकि कानून और योजनाओं के बारे में विधायकों को पब्लिक को बताना होगा, जब वह खुद अच्छा छात्र होने के नाते कानून और योजनाओं के बारे में समझेगा तभी वह एक अच्छे टीचर के भांति लोगों को इसके बारे में बताएगा, ताकि जनता इसका फायदा उठा सकें। उन्होंने कहा कि विधायकों को लोगों का विश्वास हासिल करना जरूरी है और यदि आप ईमानदार हैं तो लोग जरूर विश्वास करेंगे। पक्ष और विपक्ष के बीच एक वर्किंग रिलेशनशिप होना जरूरी है। अच्छा काम होगा तो समर्थन मिलेगा, दूरियां होंगी तो समर्थन नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक लेजिस्लेचर को महात्मा गांधी की तरह रोल मॉडल बनना होगा तभी जनता उनका समर्थन करेगी।
कार्यशाला के समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि समस्या सब के साथ हैं। हर कोई दुखी है। विधायक मंत्री नहीं बनने के कारण दुखी है। मंत्री बन गए तो अच्छा विभाग नहीं मिलने से दुखी हैं। अच्छे विभाग के मंत्री बन गए तो मुख्यमंत्री नहीं बनने के कारण दुखी हैं।
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