मुंबई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के साथ मंच साझा किया। इस दौरान नितिन गडकरी ने दिग्विजय सिंह की तारीफ भी की। दोनों नेता पुणे में एक किताब के विमोचन के अवसर पर मिले थे। इस दौरान गडकरी ने दिग्विजय सिंह के पंढरपुर स्थित भगवान विट्ठल और देवी रुकमणी के मंदिर की वार्षिक यात्रा करने की तारीफ की। हर साल अषाढ़ी एकादशी पर देश के अलग-अलग हिस्सों से भक्त सोलापुर के पंढरपुर स्थित मंदिर नंगे पैर पहुंचते हैं।
दिग्विजय सिंह हर साल आषाढ़ी एकादशी पर भगवान की पूजा करने के लिए पंढरपुर जाते हैं। पंढरपुर में भगवान विट्ठल और देवी रुक्मिणी का प्रसिद्ध मंदिर है। गडकरी और सिंह दोनों एक साथ पुणे के पिंपरी चिंचवड़ में दिवंगत कांग्रेस नेता रामकृष्ण मोरे के किताब विमोचन कार्यक्रम में आए। अपने संबोधन के दौरान गडकरी ने आषाढ़ी एकादशी पर पंढरपुर की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए सिंह की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, ‘मेरे अंदर उस तरह का साहस (चलने के लिए) नहीं है, जबकि मैं आपसे छोटा हूं। लेकिन आप (तीर्थयात्रा के दौरान) बहुत चले। आपको इसके लिए बधाई और आपका शुक्रिया।’ गडकरी को जवाब देते हुए सिंह ने कहा, ‘गडकरी को भी कोशिश करनी चाहिए, जिससे वे भी नियमित रूप से इसमें भाग लेने लगेंगे।’ साल 2018 में गडकरी ने दिग्विजय द्वारा अपने बयान पर खेद व्यक्त करने के बाद उनके खिलाफ मानहानि का केस वापस ले लिया था।
इस मामले को वापस लेने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में संयुक्त याचिका दायर की गई थी। गडकरी ने कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं में उनका नाम घसीटने के आरोप में सिंह के खिलाफ साल 2012 में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार 12,000 करोड़ रुपये की लागत से पालकी मार्ग विकसित कर रही है। उन्होंने इंजीनियरों से उस सड़क पर घास उगाने के लिए कहा है, जिससे कि वारकरी यात्रा के दौरान उस घास पर चला जा सके।
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