नई दिल्ली (New Dehli)। सम्मेलन (conference) के दौरान जैविक, रासायनिक व न्यूक्लियर आपदा (Disaster) से निपटने के लिए दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों (hospitals) में स्पेशल जोन तैयार (special zone ready) किए गए हैं। यहां किसी भी प्रकार के संक्रमण (Infection) की चेन तोड़कर मरीजों को बेहतर उपचार दिया जाएगा। इन जोन को बनाने में अस्पताल के डॉक्टरों के साथ आर्मी की मदद ली गई है।
विशेषज्ञों की माने तो आर्मी को जैविक, रसायनिक व न्यूक्लियर आपदा से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है। ऐसे में इसका इस्तेमाल करके एम्स, सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उपचार दिया जाएगा। आर्मी के अधिकारी अपने साथ उपचार के यंत्र भी लाए हैं, जिसकी मदद से तुरंत रिएक्शन की जांच हो जाएगी और जांच के आधार पर उपचार शुरू किया जा सकेगा।
एम्स देगा 50 बिस्तरों की सुविधा
एम्स के एमएस डॉ. संजीव लालवानी ने बताया कि जी-20 के लिए 50 बेड की सुविधा तैयार की गई है। यह बेड इमरजेंसी-2 और ट्रामा सेंटर में हैं। इनमें आईसीयू सहित अन्य सुविधाएं हैं। ट्रामा सेंटर में आर्मी के साथ मिलकर न्यूक्लियर आपदा से निपटने के लिए सीबीआरएनई सेंटर बनाया गया है। इसमें आर्मी के डॉक्टर व अन्य स्टाफ मौजूद हैं। यहां आने के बाद मरीज को पहले डिकन्टामिनेशन किया जाएगा। उसके बाद ही मरीज को अंदर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। यहां पर मरीज के उपचार, जांच, टेस्ट व अन्य की जांच की जा सकेगी।
सफदरजंग अस्पताल में 12 आईसीयू बेड
सफदरजंग अस्पताल ने किसी भी प्रकार की रासायनिक आपदा से निपटने के लिए 12 आईसीयू बिस्तरों का वार्ड तैयार किया गया है। जला एवं प्लास्टिक विभाग के डॉक्टर आर्मी के डॉक्टरों के साथ मिलकर इस वार्ड को चला रहे हैं। इस सेंटर फॉर केमिकल डिजास्टर में किसी भी प्रकार के रासायनिक आपदा पीड़ित को उपचार देने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। यहां पर स्पेशल जोन भी बनाया गया है जिसमें आर्मी के डॉक्टर सभी उपकरण के साथ मौजूद हैं। क्रिटिकल केयर यूनिट में मरीजों के उपचार के लिए डॉक्टर तैनात रहेंगे।
जैविक हमले में उपचार देगा आरएमएल
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जैविक हमले से पीड़ित लोगों को उपचार दिया जाएगा। यहां पर वीवीआईपी लोगाें के लिए दस बेड और 40 अतिरिक्त बेड की सुविधा तैयार की गई है। अस्पताल के डॉक्टरों ने इमरजेंसी के पास आर्मी के साथ मिलकर संक्रमण की रोकथाम के लिए विशेष जोन बनाया गया है। यहां मरीज को पहले संक्रमण मुक्त किया जाएगा। इसके बाद विशेष डिजास्टर वार्ड में भर्ती किया जाएगा। अस्पताल ने मरीजों की तुरंत जांच के लिए सभी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई हैं।
इलाज का प्रोटोकॉल
मरीजों को सीधा अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाया जाएगा
मरीज को अस्पताल में बने विशेष आर्मी वार्ड में लाया जाएगा
संक्रमण को दूर करने के लिए दिया जाएगा शावर
हटाए जाएंगे मरीज के सारे कपड़े, दूर किया जाएगा किसी भी प्रकार का संक्रमण
मरीज के शरीर पर किसी भी प्रकार के रिएक्शन की होगी जांच
मरीज का बीपी, पल्स, हार्टरेट, सांस लेने की प्रकिया, चलने की गति व अन्य की होगी जांच
जांच के बाद जरूरत के आधार पर आईसीयू या अन्य वार्ड में मरीज होगा शिफ्ट
वार्ड या आईसीयू में शिफ्ट होने के बाद बीमारी के आधार पर होगा उपचार
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