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    G20 summit : मोदी-बाइडन ने सुलझाया डब्ल्यूटीओ विवाद, 2024 में भारतीय को अंतरिक्ष में भेजने की है तैयारी

  • September 09, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) जी20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) में भाग लेने के लिए भारत (India) आए हैं। इससे पहले, दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता में अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही बैठक में जो बाइडन ने यूएनएससी के लिए भारत की उम्मीदवारी का स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता को लेकर संयुक्त बयान भी जारी किया है, जिसमें दोनों नेताओं ने अमेरिकी नौसेना संपत्तियों के रखरखाव और मरम्मत के केंद्र के रूप में भारत के उभरने और भारतीय शिपयार्ड के साथ मास्टर शिप मरम्मत समझौतों का भी स्वागत किया।


    डब्ल्यूटीओ में पोल्ट्री उत्पादों से संबंधित विवाद सुलझा
    भारत और अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अपने बीच मौजूद आखिरी विवाद को भी निपटा लिया है। यह विवाद पोल्ट्री उत्पादों से संबंधित है। दोनों देशों ने राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद साझा बयान में इसकी घोषणा की। इसके साथ ही दोनों देशों ने डब्ल्यूटीओ में अपने सभी सात विवाद आपसी सहमति से निपटा लिए हैं। जून, 2023 में छह विवाद निपटारे के बाद अब इसे निपटाया गया है। पीएम मोदी की जून की अमेरिका यात्रा में छह विवादों को खत्म करने की घोषणा की गई थी। तब भारत ने अमेरिका के कुछ कृषि उत्पादों पर से टैक्स खत्म करने की घोषणा की थी। अब सातवें विवाद के समाधान के बाद भारत ने अमेरिका से फ्रोजन टर्की, फ्रोजन बत्तख, ताजा, फ्रोजन और सूखे ब्लूबेरी और क्रेनबेरी के आयात पर टैक्स खत्म करने को मंजूरी दी है। पोल्ट्री उत्पादों से संबंधित विवाद पर अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई और भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बीच पिछले महीने चर्चा हुई थी। अमेरिका ने इस समझौते के बाद जारी एक बयान में कहा है कि इस विवाद के निपटने के बाद अमेरिकी कृषि और पोल्ट्री उत्पादों को भारत में बड़ा उपभोक्ता बाजार मिलेगा।

    अंतरिक्ष पर भारतीय यात्री को भेजने की तैयारी
    पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन की द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने साल 2023 के अंत तक मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक रणनीतिक ढांचा तैयार करने के लिए बातचीत शुरू कर दी है। दोनों देश 2024 में भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने की योजना बना रहे हैं। बयान में आगे कहा गया कि भारत-अमेरिका ग्रह रक्षा पर समन्वय बढ़ाने का इरादा रखते हैं। लघु ग्रह केंद्र के माध्यम से क्षुद्रग्रह की जानकारी लगाने, ट्रैकिंग में भारत की भागीदारी के लिए अमेरिकी समर्थन शामिल है। बयान में कहा गया है कि बाहरी अंतरिक्ष खोज में हमारी साझेदारी को गहरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए संयुक्त मिशन भेजने के तौर-तरीकों, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पर चर्चा शुरू कर दी है।

    शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार पर सहमति
    दोनों नेताओं ने विभिन्न संस्थाओं के बीच सहयोगात्मक शिक्षा साझेदारियों की बढ़ती संख्या का भी स्वागत किया। इसमें न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी-टंडन और आईआईटी कानपुर एडवांस्ड रिसर्च सेंटर और बफेलो में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के जॉइंट रिसर्च रिसर्च सेंटर और आईआईटी दिल्ली, कानपुर, जोधपुर और बीएचयू के बीच महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में साझेदारी पर सहमति जताई गई है।

    जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग का स्वागत
    मोदी और बाइडन ने जैव प्रौद्योगिकी और जैव-विनिर्माण नवाचारों में वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान सहयोग को सक्षम करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (एनएसएफ) और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बीच एक कार्यान्वयन व्यवस्था पर हस्ताक्षर करने की सराहना की। उन्होंने सेमीकंडक्टर अनुसंधान, अगली पीढ़ी की संचार प्रणलियों, साइबर सुरक्षा, स्थिरता और हरित प्रौद्योगिकियों और परिवहन प्रणालियों में अकादमी और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एनएसएफ और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से जारी प्रस्तावों के आह्वान का भी स्वागत किया।

    क्वांटम एंटैगमेंट एक्सचेंज पर भी चर्चा
    अमेरिका ने क्वांटम क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से और क्वांटम एंटैंगमेंट एक्सचेंज (क्यूएए) के माध्यम से काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। क्यूएए इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय वनिमय अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए एक मंच है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन की द्विपक्षीय बैठक के बाद जारी साझा बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने क्वांटम इकोनॉमिक डेवलपमेंट कंसोर्टियम के सदस्य के रूप में भारत के कोलकाता स्थित एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेंज की भागीदारी का स्वागत किया है। यह भी कहा गया है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे एक अंतरराष्ट्रीय भागीदार के रूप में शिकागो क्वाटम एक्सजेंच में शामिल हुआ है।

    ड्रोन खरीद, डब्ल्यूटीओ विवाद सहित कई क्षेत्रों पर बातचीत
    इसके अलावा, बयान के अनुसार, भारत द्वारा 31 ड्रोनों की खरीद और जेट इंजनों के विकास के कारण द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को गहरा और विविधतापूर्ण करने की कसम खाई है। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने जी20 अध्यक्षता, परमाणु ऊर्जा में सहयोग, 6जी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की। भारत-अमेरिका सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार हैं। 2022-23 में द्विपक्षीय माल व्यापार 128.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जबकि, 2021-22 में यह मात्र 119.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

    इलेक्ट्रिक वाहनों की वृद्धि का स्वागत
    साथ ही परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइजिंग करने के महत्व को दोहराते हुए बाइडन ने भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता का विस्तार करने का स्वागत किया। इसमें सार्वजनिक और निजी दोनों फंडों के माध्यम से फंडेड पेमेंट सिक्योरिटी सिस्टम के लिए संयुक्त समर्थन भी शामिल हैं। इससे भारतीय पीएम ई-बस सेवा कार्यक्रम समेत भारत में निर्मित 10,000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद में तेजी आएगी। इसमें संबंधित चार्जिंग बुनियादी ढांचा शामिल होगा. दोनों देश ई-मोबिलिटी के लिए वर्ल्ड सप्लाई चेन में विविधता लाने में मदद करने पर सहमत हुए।

    अगले पांच साल में 70 करोड़ डॉलर का निवेश
    द्विपक्षीय मुलाकात में दोनों नेताओं ने एक मजबूत ग्लोबल सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन बनाने पर जोर दिया। इसके तहत माइक्रोचिप टेक्नॉलजी इंक भारत में अपनी मौजूदगी और रिसर्च को बढ़ाने के लिए 30 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। इसके अलवा अडवांस्ड माइक्रो डिवाइस ने भी भारत में अगले 5 सालों में 40 करोड़ डॉलर रुपये निवेश का एलान किया। दोनों नेताओं ने जून 2023 में अमेरिकी कंपनियों माइक्रॉन, एलएएम रिसर्च और अप्लाइड मैटेरियल्स की तरफ से किए गए एलान के क्रियान्वयन पर संतोष जताया।

    मास्टर शिप मरम्मत समझौते का स्वागत
    पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिकी नौसेना संपत्तियों के रखरखाव और मरम्मत के केंद्र के रूप में भारत के उभरने और भारतीय शिपयार्ड के साथ मास्टर शिप मरम्मत समझौतों का भी स्वागत किया। इससे अमेरिकी नौसेना को मध्य-यात्रा और आकस्मिक मरम्मत के लिए अनुबंध प्रक्रिया में तेजी लाने की अनुमति मिलेगी।जैसा कि रक्षा औद्योगिक रोडमैप में परिकल्पना की गई है, दोनों देश भारत में विमानों और जहाजों के लिए रसद, मरम्मत और रखरखाव के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं।

    इंड्यूस-एक्स की स्थापना का स्वागत
    दोनों नेताओं ने यूएस-इंडिया डिफेंस एक्सेलेरेशन इकोसिस्टम (इंड्यूस-एक्स) की स्थापना और शुरुआत का स्वागत किया। विश्वविद्यालयों, स्टार्टअप, उद्योग और थिंक टैंक के नेटवर्क के रूप में, इंड्यूस-एक्स दोनों देशों के संबंधित उद्योगों के बीच संयुक्त रक्षा प्रौद्योगिकी नवाचार और उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी के सह-उत्पादन की सुविधा प्रदान करेगा। इंड्यूस-एक्स ने आईआईटी कानपुर में पहले अकादमी स्टार्ट-अप साझेदारी का आयोजन किया। इसमें अमेरिका के पेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने भी हिस्सा लिया। इसमें अमेरिकी रक्षा विभाग के अंतरिक्ष बल ने भारतीय स्टार्ट-अप 114 एआई और 3 डायटेक के साथ अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान और विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों कंपनियां समग्र रूप से एआई और सेमीकंडक्टर में इंजीनियर का उपयोग करके जनरल एटॉमिक्स के सह-विकास के लिए काम करते हैं।

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