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G20 Summit: भारत को बड़ी कामयाबी, जलवायु परिवर्तन कम करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिया सूत्र

November 01, 2021

नई दिल्ली। इटली (Italy) की राजधानी रोम (Rome) में चल रहा जी20 शिखर (G20 Summit) सम्मेलन कई मायनों में भारत के लिए बेहद सफल रहा है। सरकारी सूत्रों की मानें तो भारत इस शिखर सम्मेलन में भारत अन्य विकासशील देशों के साथ जलवायु (Climate) और ऊर्जा विशिष्ट के लक्ष्यों को पाने के लिए क्या एक्शन लिया जाए इस मुद्दे पर भाषा के महत्व को समझाने में सफल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार जी20 देशों को जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के प्रति अपने दायित्वों पर सक्रिय होकर काम करने के लिए कहा गया।

सूत्रों ने बताया कि भारत जी20 देशों का ध्यान किसान की तरफ भी खींचने में सफल रहा. भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन के मंच से छोट और सीमांत किसानों की आजीविका में सुधार लाने के लिए जी20 देशों से कदम आगे बढ़ाने के लिए कहा जिसके लिए सभी देशों ने प्रतिबद्धता जताई. सूत्रों ने बताया कि शिखर सम्मेलन में इस बार समूह देशों का ध्यान हाशिए पर रहने वाले किसानों पर ज्यादा था।


भारत जलवायु परिवर्तन पर क्यों दे रहा जोर
इस साल की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन पर नजर रखने वाली मुख्य मॉनीटरिंग बॉडी इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज ने कहा था कि दुनिया को वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए तुरंत असाधारण कदम उठाने की जरूरत है. साथ में यह भी कहा गया कि 2015 में पेरिस में सीओपी बैठक न तो पर्याप्त महत्वाकांक्षी थी और न ही यह जलवायु संकट को दूर करने के लिए पर्याप्त थी. पेरिस बैठक में 190 देशों ने आद्योगिक स्तरों से तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करने की दिशा में काम करने की सहमति जताई थी जबकि हमारे पर्यावरण के लिए सबसे अच्छी स्थिति1.5 डिग्री सेल्सियस पर थी।

हालां कि यह सामने आया है कि अगर ऊर्जा उत्सर्जन वर्तमान स्थिति के अनुसार होता रहा तो इस सदी के अंत तक ग्रह के तापमान में 2.7 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि हो जाएगी. इससे बचने के लिए, आईपीसीसी ने कहा, वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को 2050 के आसपास ‘नेट शून्य’ तक पहुंचने की आवश्यकता होगी. अमेरिका, ब्रिटेन जैसे लोगों ने 2050 तक नेट-जीरो हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई है, जबकि चीन ने कहा है कि यह 2060 तक कार्बन न्यूट्रल हो जाएगा।

भारत की स्थिति क्या है?
जी20 समिट में भाग लेने के लिए यूरोप जाने से पहले पीएम मोदी ने अपने एक बयान में कहा था कि वह ग्लासगो बैठक में, जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को व्यापक रूप से संबोधित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालेंगे. भारत जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर 24 ‘समान विचारधारा वाले विकासशील देशों’ (LMDCs) के एक समूह का हिस्सा है. इस समूह की एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान पीएम मोदी ने उन टूटे हुए वादों की आलोचना की जो पूर्व में जलवायु परिवर्तन के दिशा में उठाने के लिए किए गए थे. पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि आज, भारत जलवायु अनुकूलन, शमन और लचीलापन और बहुपक्षीय गठबंधन बनाने के सामूहिक प्रयास में नए रिकॉर्ड बना रहा है. भारत स्थापित अक्षय ऊर्जा, पवन और सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है।

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