भोपाल (Bhopal)। दो दिवसीय जी-20 विशेष थिंक 20 कार्यक्रम (G-20 Special Think 20 event) में आए डेलिगेट्स (g20 delegates) ने सोमवार शाम को भोपाल में मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय (Madhya Pradesh Tribal Museum) का भ्रमण किया। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर (Minister Usha Thakur) ने सभी डेलिगेट्स का पारंपरिक रूप से स्वागत किया। जनजातीय लोक कलाकारों ने जनजातीय नृत्य भड़म से भी डेलिगेट्स का स्वागत किया।
डेलिगेट्स ने संग्रहालय की विभिन्न दीर्घाओं, चित्र प्रदर्शनी, चिन्हारी सोविनियर शॉप और पुस्तकालय ‘लिखन्दरा’ का अवलोकन किया। उन्होंने संग्रहालय की दीर्घाओं एवं उनमें जनजातीय समुदाय की वाचिक और कला परम्परा के बेहतर प्रदर्शन तथा कलात्मक संयोजन की प्रशंसा भी की।
अतिथियों ने जनजातीय संग्रहालय में मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक झलक को सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से जाना। प्रस्तुति में दिखाया कि मध्यप्रदेश राज्य बहु-भाषी और सांस्कृतिक बहुलता का राज्य है। राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश की पहचान भी यही है। मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक थाती शैव, शाक्त, वैष्णव, जैन, बौद्ध और इस्लाम धर्मों की मान्यताओं और उनकी आध्यात्मिक विचारधाराओं तथा उसके पवित्र स्थलों से निर्मित होती है। किसी विचारधारा के देवी-देवता की उपस्थिति और उसके आख्यान उस भूमि की संस्कृति को गढ़ते हैं।
प्रदेश के ओरछा में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की उपस्थिति राजाराम की तरह होने से पूरी बुन्देली भूमि का राजामय संस्कृतिकरण हो गया है। यही तथ्य मालवा के सन्दर्भ में मृत्यु के अधिपति भगवान शिव की उपस्थिति से यहाँ की संस्कृति में शिवमय जीवन का अनुभव कर सकते हैं। मध्यप्रदेश के संस्कृति का मूल तत्व उसकी उदारता है और सहिष्णुता है। सभी आध्यात्मिक विचारों से निर्मित आचार-विचार, खान-पान और वेशभूषा अलग होने के बावजूद भी एक-दूसरे के प्रति आदर का भाव है। यह प्रस्तुति मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक औदार्य को क्षेत्रीय विशिष्टताओं और उससे उपजी कलाओं के आधार से तैयार की गई है, जिसमें पवित्र स्थलों और उनसे जुड़े आख्यानों को प्रतीकात्मकता के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है।
कार्यक्रम के समापन-सत्र में डेलिगेट्स ने लोक एवं पारंपरिक व्यंजन का लुत्फ उठाया। इस मौके पर संस्कृति संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी, अकादमी निदेशक डॉ. धर्मेंद्र पारे, जनजातीय संग्रहालय के अध्यक्ष अशोक मिश्र एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
जी-20 के डेलिगेट्स को भायी मध्यप्रदेश की कला और शिल्प
जी-20 के विशेष थिंक 20 कार्यक्रम में देश-विदेश से आए डेलिगेट्स को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन में लगाई गई कला और शिल्प प्रदर्शनी खूब भा रही है। विदेश और देश से आए डेलिगेट्स ने कलाकारों के स्टॉल में कला को सराहा।
दरअसल, राजधानी भोपाल में सोमवार से शुरू हुए दो दिनी थिंक-20 कार्यक्रम में विभिन्न देशों के 94 प्रतिनिधि और देश-विदेश से 300 से अधिक सदस्य आए हुए हैं। पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि पर्यटन बोर्ड के रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन द्वारा जी-20 डेलिगेट्स का प्रदेश की कला और संस्कृति से परिचय कराने के लिए आर्ट और क्राफ्ट प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में बुधनी के लकड़ी के खिलौने, महेश्वरी साड़ी, बैतूल का मेटल क्राफ्ट, उज्जैन का तेंदूपत्ता क्राफ्ट, पन्ना का ब्लॉक प्रिंट, अलीराजपुर की भील संस्कृति की सोवेनियर पेंटिंग, भोपाल का जरी जरदोजी, चंदेरी क्राफ्ट, ग्वालियर का चितेरा आर्ट और टेराकोटा आर्ट प्रमुख है। साथ ही महेश्वरी सारी का लूम, मिट्टी कला, गोंड एवं भील पेंटिंग और जरी जरदोजी की लाइव प्रदर्शनी भी है, जिस पर डेलिगेट्स स्वयं हाथ आजमा कर अनुभव ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में प्रदेश के शिल्पकारों को एक अंतरराष्ट्रीय मंच दिया गया है। इससे प्रदेश की कला और संस्कृति का देश-विदेश में प्रचार होगा। शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्रदेश में रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन का कार्य किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पर्यटन से समुदाय का सामाजिक और आर्थिक विकास एवं पर्यावरण-संरक्षण है। इससे स्थानीय समुदाय को पर्यटन से जोड़ कर पर्यटन स्थलों का विकास और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। मिशन में होमस्टे योजना, महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना, कौशल उन्नयन एवं प्रशिक्षण, हमसफर परियोजना, रिस्पांसिबल सोविनियर विकास प्रोजेक्ट, क्लीन डेस्टिनेशन और ग्रामीण पर्यटन परियोजना शामिल है।
मंगलवार को आमजन भी देश सकेंगे कला-शिल्प प्रदर्शनी
कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सभागार में जी-20 के थिंक 20 कार्यक्रम के दौरान लगाई गई पर्यटन विभाग के रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन की कला और शिल्प प्रदर्शनी मंगलवार, 17 जनवरी की शाम आम जनता का लिए निःशुल्क खुली रहेगी। पर्यटन बोर्ड के रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन द्वारा जी-20 डेलिगेट्स को प्रदेश की कला और संस्कृति से परिचय कराने के लिए आर्ट और क्रॉफ्ट प्रदर्शनी लगायी गयी है। (एजेंसी, हि.स.)
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