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G-7 Summit : मोदी की मौजूदगी से दुनिया को मिले कई संदेश, आज यूएई जाएंगे PM

June 28, 2022

नई दिल्ली। जर्मनी (Germany) हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन (G-7 Summit) में पीएम मोदी (PM Modi) की उपस्थिति ने विश्व मंच पर भारत (India) के महत्व को एक बार फिर साबित किया है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि पीएम मोदी की मौजूदगी दिखाया कि भारत की उपस्थिति को सभी महत्व देते हैं और भारत को सभी समाधान प्रदाता के रूप में देखते हैं। आपने हमारे पीएम के साथ नेताओं की शारीरिक भाषा और सौहार्द देखा होगा। विदेश सचिव ने कहा कि पीएम मोदी मंगलवार को (आज 28 जून) यूएई (UAE) के लिए प्रस्थान करेंगे।

पीएम ने जलवायु, ऊर्जा और स्वास्थ्य पर बात की
उन्होंने कहा कि जी-7 में पहले सत्र में पीएम मोदी ने जलवायु, ऊर्जा और स्वास्थ्य पर बात की, जबकि दूसरे सत्र में पीएम ने खाद्य सुरक्षा और लैंगिक समानता के मुद्दों को संबोधित किया, जिसमें भारत के महिला नेतृत्व वाले विकास दृष्टिकोण पर जोर दिया गया।


विदेश सचिव ने कहा कि रूस-यूक्रेन पर प्रधानमंत्री ने शत्रुता को तत्काल समाप्त करने सहित भारत की स्थिति स्पष्ट की। स्थिति को हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने खाद्य सुरक्षा संकट पर विशेष रूप से कमजोर देशों पर संघर्ष के प्रभाव को भी सामने रखा।

क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के साथ अपनी चर्चा में उन्हें और साथ ही अन्य नेताओं को यह स्पष्ट कर दिया कि हम सभी के सामने प्रमुख वैश्विक चुनौतियों में से एक आतंकवाद है।

जलवायु प्रतिबद्धताओं के प्रति समर्पण भारत के प्रदर्शन से स्पष्ट होता है: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि यह एक भ्रांति है कि गरीब देश पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। भारत का 1000 साल से अधिक का इतिहास इस दृष्टिकोण का पूरी तरह से खंडन करता है। प्राचीन भारत ने अपार समृद्धि का समय देखा है। हमने सदियों की गुलामी भी झेली है। अब आजाद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि दुनिया की 17 फीसदी जनसंख्या भारत में निवास करती है लेकिन वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में हमारा योगदान मात्र 5 प्रतिशत है। इसके पीछे मुख्य कारण हमारी जीवनशैली है जो प्रकृति के साथ सह अस्तित्व के सिद्धांत पर आधारित है।

जर्मनी के श्लॉस एल्मौ में हो रहे जी-7 के ‘बेहतर भविष्य में निवेश : जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य’ सत्र में पीएम ने जोर देकर कहा कि जलवायु प्रतिबद्धताओं के प्रति समर्पण उसके प्रदर्शन से स्पष्ट होता है। हरित विकास, स्वच्छ ऊर्जा, सतत जीवनशैली और वैश्विक भलाई के लिए भारत के प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने तय समय से नौ साल पहले ही गैर जीवाश्म स्रोतों से 40 फीसदी ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लक्ष्य को हासिल कर लिया।

पीएम ने कहा कि पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य तय समय से पांच महीने पहले हासिल किया गया है। भारत में दुनिया का पहला पूरी तरह से सौर ऊर्जा संचालित एयरपोर्ट है। इस दशक में भारत की विशाल रेल प्रणाली परंपरागत ऊर्जा में नेट जीरो हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जब भारत जैसा विशाल देश ऐसी महत्वाकांक्षा दिखाता है तो अन्य विकासशील देशों को भी प्रेरणा मिलती है। हमें उम्मीद है कि जी-7 के अमीर देश भारत के प्रयासों का समर्थन करेंगे। भारत में स्वच्छ ऊर्जा तकनीक के लिए विशाल बाजार उभर रहा है। जी-7 देश इस क्षेत्र में रिसर्च, इनोवेशन और विनिर्माण में निवेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत हर नई तकनीक के लिए सुविधाएं प्रदान कर सकता है, वह उस तकनीक को पूरी दुनिया के लिए किफायती बना सकता है।

ऊर्जा के उपयोग पर केवल अमीरों का विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए
पीएम ने जोर देकर कहा कि ऊर्जा के उपयोग पर केवल अमीरों का विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए और एक गरीब परिवार का भी ऊर्जा पर समान अधिकार होता है। उन्होंने कहा कि आज जब भूराजनीतिक तनावों के चलते ऊर्जा की लागत आसमान छू रही है तो इस बात को याद रखना ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस सिद्धांत से प्रेरणा लेकर हमने भारत में घर-घर एलईडी बल्ब और स्वच्छ रसोई गैस पहुंचाई और दिखाया कि गरीबों के लिए ऊर्जा सुनिश्चित करते हुए लाखों टन कार्बन उत्सर्जन को बचाया जा सकता है।

कोरोना में डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल के कई रचनात्मक तरीके खोजे
स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मानव और प्लेनेट स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं। इसलिए हमने वन वर्ल्ड, वन हेल्थ के दृष्टिकोण को अपनाया है। कोरोना महामारी के दौरान भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए कई रचनात्मक तरीके खोजे। जी-7 देश इन इनोवेशन को अन्य विकासशील देशों में ले जाने में भारत की मदद कर सकते हैं। हाल ही में हमने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। कोरोना संकट के समय योग दुनियाभर के लोगों के लिए स्वास्थ्य निवारक के लिए एक बड़ा माध्यम बना। इससे कई लोगों को अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिली।

ट्रिपल पी लोगों की संख्या बढ़ाने की लेनी होगी जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी के मूल सिद्धांत भारतीय संस्कृति और जीवन शैली का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। पिछले साल ग्लासगो में लाइफ : लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट के लिए एक आंदोलन का आह्वान किया था। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर हमने लाइफ अभियान के लिए वैश्विक पहल की शुरुआत की है। इसका लक्ष्य पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को प्रोत्साहित करना है। हम इस आंदोलन के फॉलोअर्स को ट्रिपल पी यानी ‘प्रो प्लेनेट पीपुल’ कह सकते हैं। हम सभी को अपने देशों में ऐसे ट्रिपल पी लोगों की संख्या बढ़ाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारा सबसे बड़ा योगदान होगा।

समारोह में दिखी मोदी की धमक, बाइडन खुद आकर मिले
जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की धमक साफ तौर पर नजर आई। ग्रुप फोटो सेशन से पहले पीएम मोदी अपने बगल में खड़े कनाडा के पीएम जस्टिन त्रूदो से बातचीत कर रहे थे। कुछ दूरी पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन खड़े थे। मोदी को देखकर वह तेज कदमों से उनके पास पहुंचे और पीएम का कंधा थपथपाकर उन्हें अपनी ओर आकर्षित किया। पीएम ने जैसे ही पलटकर देखा तो तुरंत उनका हाथ थाम लिया। फिर दोनों नेता कुछ देर तक बातचीत करते रहे। जापान में मई में हुए क्वॉड सम्मेलन के बाद पीएम मोदी और बाइडन की यह पहली मुलाकात है। दोनों नेता जुलाई में होने वाले आई2यू2 वर्चुअल सम्मेलन में भी मुलाकात करेंगे। इसमें भारत, अमेरिका, इस्राइल और संयुक्त अरब अमीरात शिरकत करेंगे।

मैक्रों के साथ गर्मजोशी नजर आई
पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच गर्मजोशी देखी गई। दोनों ने मिलने पर एक दूसरे को गले लगाया। इतना ही नहीं, ग्रुप फोटो के बाद भी दोनों आपस में बातचीत करते रहे। जी-7 नेताओं के सम्मेलन स्थल के अंदर जाते वक्त भी दोनों नेता बातचीत करते रहे और एक साथ अंदर गए। पीएम और मैक्रों ने एक साथ बैठकर चाय पी और बातचीत की।

सात देशों का समूह है जी-7
जी-7 दुनिया के सात सबसे अमीर देशों का समूह है। इसकी अध्यक्षता अभी जर्मनी कर रहा है। इसमें ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल है। इसमें अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है।

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