नई दिल्ली। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को कहा कि कोरोनो वायरस व्यवधानों के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय कंपनियों के कुल ईबीआईटीडीए में 24 प्रतिशत की गिरावट आने की उम्मीद है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आज जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि धीमी गति से चलने वाली अर्थव्यवस्था के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में उपभोक्ता विश्वास और व्यावसायिक गतिविधियों में गिरावट के कारण क्रेडिट गुणवत्ता भी भारतीय गैर-वित्तीय कॉर्पोरेट्स में कमजोर हो जाएगी।
मूडीज के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी कौस्तुभ चौबल ने विकास की गति का उल्लेख करते हुए कहा कि आर्थिक मंदी मौजूदा चुनौतियों को बढ़ा रही है। यह विशेष रूप से उपभोग और संसाधन की कीमत में गिरावट के कारण कमजोर क्षेत्रों में होता है, जैसे कि मोटर वाहन, तेल और गैस, खनन और इस्पात क्षेत्र।
मूडीज के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में 24 फीसद गिरावट दर्ज की गई है। यह विश्व की अन्य आर्थिक देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही अक्टूबर -दिसम्बर से इसमें रिकवरी की उम्मीद है।
चौबल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की इकाई बिक्री 20 प्रतिशत तक गिर जाएगी। तेल और गैस की कीमतें, कमजोर रिफाइनिंग मार्जिन और परिवहन की मांग कम होने से तेल और गैस कंपनियों पर भार पड़ेगा ।
उन्होंने कहा कि अस्थिर कमोडिटी की कीमतें और ऊंचा ऋण स्तर, खनिकों और इस्पात निर्माताओं के लिए क्रेडिट मेट्रिक्स में एक सार्थक सुधार को बाधित करेगा। इसके विपरीत, आईटी सेवाओं और दूरसंचार कंपनियों के लिए क्रेडिट रुझान तटस्थ बने हुए हैं। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved