मुम्बई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन की वजह से बीते वित्त वर्ष 2019-20 में चेक के जरिए खुदरा भुगतान का आंकड़ा काफी नीचे आ गया है।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में कुल खुदरा भुगतान में चेक समाशोधन (क्लियरिंग) का हिस्सा घटकर मात्र 2.96 फीसदी रह गया है। हालांकि, मूल्य के हिसाब से यह 20.08 फीसदी रहा है।
वित्त वर्ष 2015-16 में नोटबंदी के बाद केंद्रीय बैंक ने डिजिटल भुगतान को काफी तेजी से आगे बढ़ाना शुरू किया था। उस समय खुदरा भुगतान में मात्रा के हिसाब से चेक का हिस्सा 15.81 फीसदी और मूल्य के हिसाब से 46.08 फीसदी था।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 से 2019-20 के दौरान मात्रा के हिसाब से डिजिटल भुगतान सालाना आधार पर 55.1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 593.61 करोड़ से 3,434.56 करोड़ पर पहुंच गया। वहीं, मूल्य के हिसाब से यह 920.38 लाख करोड़ रुपये से 1,623.05 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसमें सालाना आधार पर 15.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई। (एजेंसी, हि.स.)
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