भोपाल। 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) के मसले ने प्रदेश के 3.5 लाख से ज्यादा युवाओं का भविष्य अधर में लटका दिया है। बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) पर सरकार से गाइड लाइन (Guid Line) नहीं मिलने के कारण मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) एमपीपीएससी अपनी परीक्षाओं का रिजल्ट घोषित नहीं कर रहा है। कोविड काल में जान जोखिम में डालकर एमपी पीएससी (MPPSC) की परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों का सरकारी नौकरी का सपना लंबा होता जा रहा है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) को सरकार से गाइड लाइंस न मिल पाने की वजह से एमपीपीएससी मेन और प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट रूका हुआ है।
पीएससी ने परिणाम तैयार भी कर लिया है, लेकिन भोपाल से हरी झंडी नहीं मिल पा रही है। एमपीपीएससी की मुख्य परीक्षा 2019 हुए छह महिने हो चुके हैं। राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 भी जुलाई में हो चुकी है, लेकिन दोनों परीक्षाओं में शामिल हुए प्रतियोगियों का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा है। एमपीपीएससी मेन और प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट तैयार करके बैठा है लेकिन वो घोषित नहीं कर पा रहा है। उसे ओबीसी आरक्षण पर सरकार की गाइड लाइन्स का इंतजार है। इसलिए इन परीक्षाओं में शामिल हुए 3 लाख 64 हजार उम्मीदवारों को नौकरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
देर हुई तो रेस से बाहर होने का डर
इन दोनों परीक्षाओं में शामिल हजारों ऐसे उम्मीदवार भी हैं, जिन्हें डर है कि रिजल्ट घोषित करने में देरी हुई तो वे आयु सीमा के पैमाने पर प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाएंगे। कोविड के कारण एमपीपीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को पहले ही लंबा इंतजार करना पड़ा था। कई बार आगे बढऩे के बाद जैसे-तैसे कोरोना की दूसरी लहर के बीच परीक्षा संपन्न हुई। उम्मीदवारों ने महामारी का सामना करते हुए परीक्षा भी दे दी। लेकिन अब रिजल्ट घोषित नहीं हो रहा है। जिससे छात्र परेशान हैं और वे जल्द रिजल्ट घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
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