बैंकाक । आपातकाल लगने के बाद भी थाइलैंड में दूसरे दिन लोकतंत्र समर्थकों का गुस्सा जगह-जगह देखने को मिला। शुक्रवार को कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ। इनको रोकने के लिए पानी की बौछार भी की गई। पूरे दिन चले बवाल से हालात तनावपूर्ण हो गए। इधर प्रधानमंत्री ने इस्तीफा देने से इन्कार करते हुए सख्ती के आदेश दिए हैं।
थाइलैड के प्रधामंत्री प्रयुत चान ओ चा ने इस्तीफा देने से इन्कार करते हुए कहा कि, हम जल्द ही इन प्रदर्शनों पर काबू पाकर अगले तीस दिनों में आपातकाल हटा लेंगे। वहीं, राजतंत्र-संविधान में सुधार और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर थाइलैंड में चल रहे प्रदर्शन अब बेकाबू होते जा रहे हैं। कल के प्रदर्शन के बाद बैंकाक में आपातकाल लगाने का भी कोई फर्क नहीं हुआ। दिन की शुरूआत होते ही हजारों लोकतंत्र समर्थक सड़कों पर आ गए। जगह-जगह एकत्रित प्रदर्शनकारियों को रोकने लिए पुलिस ने कई स्थानों पर रास्तों को रोक दिया था। आमतौर पर जो मॉल खुले रहते थे, उनको जल्द बंद करा दिया गया।
प्रदर्शन के दौरान रानी के काफिले पर हमले के आरोप में दो प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर हिंसा करने का भी आरोप लगाया गया है। थाईलैंड में ऐसे कृत्य पर सजा के कड़े प्रावधान हैं। गुरुवार को आपातकाल के बाद से पांच लोगों से ज्यादा एकत्रित होने पर रोक है, लेकिन इस रोक का प्रदर्शनकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। ये आंदोलन मार्च में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा शुरू किया गया था।
बता दें कि ये प्रदर्शन कुछ समय के लिए कोरोना संक्रमण तेज होने के चलते रुक गए थे लेकिन अब फिर उग्र हो रहे हैं। आंदोलन को सोशल मीडिया के माध्यम से हवा दी जा रही है। सरकार के अनुसार पांच ट्विटर और पांच फेसबुक अकाउंट से शुक्रवार को प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की गई थी, इन पर कार्रवाई की जा रही है।
मानवाधिकार संगठनों और विरोधी दलों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में पुलिस की ज्यादती पर आलोचना की है। वहीं थाइलैंड के राजा महा वाजिरालोंगकोर्न ने आंदोलन के दूसरे दिन रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो के माध्यम से टेलीविजन पर संबोधित किया। राजा ने आंदोलन पर प्रत्यक्ष रूप से कुछ बोले बिना कहा कि देश की जनता को अपने देश और राजसत्ता से प्यार करना चाहिए।
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