कोलकाता (Kolkata .)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (West Bengal Governor CV Anand Bose) ने एक बार फिर से हावड़ा जिले के शिवपुर में हुए हिंसा (Violence in Shivpur) को लेकर कहा कि पुलिस को निडर होकर निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। रविवार को एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ( CV Anand Bose) ने पुलिस को उनकी ”कर्तव्य” की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि पुलिस (Police) को हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इन सबसे ऊपर, लोगों का विश्वास अर्जित किया जाना चाहिए। आज के दौर में पुलिस को और अधिक जिम्मेदार बनना होगा। पूरे इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बार-बार नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि बताया। उन्होंने पुलिस को लोगों का भरोसा जीतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लोगों का विश्वास हासिल करना होगा।
गुरुवार और शुक्रवार को हावड़ा जिले के कुछ इलाकों में अशांति के बाद राज्यपाल ने शुक्रवार शाम अपने लिखित बयान में कहा था कि पुलिस को एक निश्चित लक्ष्य के साथ सख्त और पारदर्शी कार्रवाई करनी चाहिए। जो लोग अशांति पैदा करने के पीछे हैं, उनसे डरना नहीं चाहिए।
हावड़ा अशांति के मामले में राजभवन ने स्पेशल सेल का गठन किया है। राज्यपाल ने कहा कि यह कदम उन इलाकों में स्थिति पर नजर रखने के लिए है जहां अशांति है। उन्होंने कहा कि हम इस बात पर नजर रखना चाहते हैं कि उस इलाके में क्या हो रहा है। मैं इस बारे में सरकार के संपर्क में हूं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि राजभवन इन मुद्दों की निगरानी कर रहा है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए उचित कार्रवाई की जा सके। पिछले कुछ दिनों में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटी हैं। मैं उन्हें नियंत्रण में रखना चाहता हूं।
क्या कमेटी का गठन इसलिए है कि राज्यपाल को गृह सचिव की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर संस्थान और सरकार की एक निगरानी प्रक्रिया होती है। सत्य को खोजने के कई तरीके हैं। राज्य सरकार और उसके आला अधिकारी मौके पर मौजूद थे। मुझे लगता है कि उनसे मिली जानकारी से मदद मिलेगी। बहरहाल, राजभवन को रिपोर्ट की सच्चाई का विश्लेषण करने की जरूरत है। नया सेल बनाया गया है क्योंकि इसकी जरूरत है।
ईरानी ने कहा कि हावड़ा में रामनवमी के जुलूस के दौरान पथराव हुआ। न्याय देने के बजाय ममता बनर्जी ने कानून अपने हाथ में लेने वाले पत्थरबाजों को क्लीनचिट दे दी। ईरानी ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है, जो ममता बनर्जी के कार्यकाल में हुई है। इससे पहले 2022 में लक्ष्मी पूजा के दौरान दलितों पर हमला किया गया था। इस घटना पर भी ममता चुप रहीं।
उल्लेखनीय है कि हावड़ा में रामनवमी पर दो गुटों के बीच हुई झड़प में कई वाहनों में आग लगा दी गई थी। जुलूस के दौरान दंगाइयों ने सार्वजनिक और निजी संपत्ति को निशाना बनाते हुए कुछ वाहनों में आग लगा दी थी। पश्चिम बंगाल सरकार ने हिंसा की सीआईडी से जांच कराने का फैसला किया है।
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