-देश में किसी भी उत्पाद के निर्माण के लिए मानक अपनाना जरूरी: रोहित कुमार सिंह
नई दिल्ली (New Delhi)। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह (Consumer Affairs Secretary Rohit Kumar Singh) ने गुरुवार को देश में किसी भी उत्पाद के निर्माण (Manufacturing any product in country) के लिए मानकों को सुचारू (streamline standards) रूप से अपनाने और स्वीकार करने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मानक अलग-अलग होने चाहिए। वहीं, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया एल्युमीनियम यूटेंसिल्स मैन्युफैक्चरर्स (फ्यूम) (Federation of All India Aluminum Utensils Manufacturers (FUM)) ने एल्युमीनियम बर्तनों के लिए मानकों को तर्कसंगत बनाने की मांग की।
रोहित कुमार सिंह ने राजधानी नई दिल्ली में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया एल्युमीनियम यूटेंसिल्स मैन्युफैक्चरर्स (फ्यूम) द्वारा आयोजित देश के एल्युमीनियम बर्तन निर्माताओं की राष्ट्रीय सम्मेलन में यह बात कही। रोहित कुमार सिंह ने अपने संबोधन में देश में किसी भी उत्पाद के निर्माण के लिए मानकों को सुचारू रूप से अपनाने और स्वीकार करने पर जोर दिया, लेकिन यह भी कहा कि मानक अलग-अलग होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि लागत निहितार्थ का आकलन करना चाहिए, ताकि एक आम आदमी भी आसानी से अपने वित्तीय मापदंडों की पहुंच के भीतर उत्पाद खरीद सके। सिंह ने आगे कहा कि व्यापार और उद्योग को उपभोक्ता अधिकारों के बजाय उपभोक्ता देखभाल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि दोनों क्षेत्र एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार और उद्योग देश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति है।
सिंह ने कहा कि व्यापार करने में आसानी के लिए निश्चित रूप से समर्थन और सुविधा की जरूरत है। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसरण में सरकार न केवल घरेलू बाजार, बल्कि वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए गुणवत्तापूर्ण सामान का उत्पादन करने के लिए व्यापार का सर्वोत्तम वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर फ्यूम के अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार से एल्युमीनियम बर्तनों के लिए बीआईएस मानकों के व्यापक युक्तिकरण के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम तकनीकी बाधाओं को दूर करने, संसाधन की कमी को दूर करने और एल्युमीनियम बर्तनों के छोटे पैमाने के निर्माताओं के लिए लागत संरचना को सुव्यवस्थित करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि व्यापार और उद्योग को मौजूदा मानकों के कारण काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो अक्सर बोझिल और आर्थिक रूप से बोझ देने वाले साबित होते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा मानक न केवल तकनीकी बाधाएं पैदा करते हैं बल्कि एक असंतुलित लागत संरचना भी बनाते हैं जो बाजार में छोटे खिलाड़ियों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है। इस दृष्टि से मानकों को तर्कसंगत बनाया जाना जरूरी है।
वहीं, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि पांच बुनियादी तत्व यानी इंटरनेट, प्रौद्योगिकी, संचार, नेटवर्किंग और लॉजिस्टिक्स भारत में भविष्य के व्यापार के लिए मुख्य चालक है। इस तरह व्यापारी और छोटे दोनों निर्माताओं को प्रौद्योगिकी अपनाने में पीछे नहीं रहना चाहिए। खंडेलवाल ने मानकों और सरकारी नीतियों के बारे में खुदरा व्यापार के बीच हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श और बड़े पैमाने पर शैक्षिक और जागरूकता अभियान की आवश्यकता पर बल दिया।
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