भोपाल। पाठ्यक्रम में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा है कि 31 दिसंबर तक कोर्स छोडऩे पर छात्र-छात्राओं को पूरी फीस लौटाई जाएगी। शैक्षिणक संस्थानों को निर्देश मिले हैं कि फीस में से एक हजार रुपये काटकर बाकी राशि विद्यार्थियों को लौटानी होगी। कोर्स छोडऩे के लिए विद्यार्थियों को ठोस वजह बतानी होगी। यूजीसी ने कोर्स छोडऩे वालों की जानकारी भी 15 जनवरी तक मांगी है। वहीं फीस नहीं लौटाने पर विद्यार्थी अपनी शिकायत यूजीसी को कर सकते हैं।
सत्र 2022-23 में कालेजों में 10 अक्टूबर तक यूजी-पीजी पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को प्रवेश दिए गए। विश्वविद्यालयों में सीयूईटी के चलते प्रवेश प्रक्रिया नवंबर तक चल रही है। इसके चलते यूजीसी ने विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए प्रवेश निरस्त करने पर पूरी फीस लौटाने के बारे में कहा है। संस्थान सिर्फ एक हजार रुपये काट सकते हैं। वहीं यूजीसी ने विद्यार्थियों को प्रवेश निरस्त करनी की ठोस वजह बताने पर जोर दिया है। वहीं, दूसरी तरफ संस्थानों को रिक्त सीटों की जानकारी भेजनी है। विश्वविद्यालय अधिकारियों के मुताबिक, यूजीसी के निर्देश मिलने के बाद कालेजों को पत्र लिखा है और प्रवेश निरस्त होने के बारे में उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय को जानकारी देना है।
अनुमति के बाद दे सकेंगे प्रवेश
कालेजों में भले ही प्रवेश बंद हो चुका है, मगर सीयूईटी देने वाले विद्यार्थियों को भोज मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से दूरस्थ शिक्षा के तहत पाठ्यक्रम में प्रवेश दे सकते हैं। वहीं विश्वविद्यालय में 15 नवंबर तक प्रवेश प्रक्रिया चलेगी। मगर अनुमति मिलने पर विश्वविद्यालय के विभाग संस्थान स्तर पर रिक्त सीटों पर प्रवेश दे सकते हैं। फिलहाल विभागों ने अभी अनुमति मांगने के लिए कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई है।
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