नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) ने पीड़ितों या सही दावेदारों को 22,280 करोड़ रुपये की संपत्तियां (Assets worth Rs 22,280 crore) वापस कर दी हैं और आर्थिक अपराधियों के खिलाफ लड़ाई निरंतर जारी रहेगी। सीतारमण ने वर्ष 2024-25 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच पर लोकसभा (Lok Sabha) में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भगोड़े विजय माल्या (Fugitive Vijay Mallya) की 14,131.6 करोड़ रुपये की संपत्ति (Assets worth Rs 14,131.6 crore) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वापस कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि नीरव मोदी मामले में 1,052.58 करोड़ रुपये की संपत्ति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी बैंकों को वापस कर दी गई है। वित्त मंत्री के जवाब के अनुसार, मेहुल चोकसी मामले में 2,565.90 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई हैं और उन्हें नीलाम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) मामले में, धोखाधड़ी के शिकार वास्तविक निवेशकों को 17.47 करोड़ रुपये की संपत्तियां वापस कर दी गईं।
उन्होंने कहा, ‘पीएमएलए के मामले में, ईडी ने प्रमुख मामलों में कम से कम 22,280 करोड़ रुपये की संपत्तियां सफलतापूर्वक वापस हासिल की हैं… हमने किसी को नहीं छोड़ा है, भले ही वे देश छोड़कर भाग गए हों, हम उनके पीछे पड़े हैं। ईडी ने यह पैसा इकट्ठा किया है और बैंकों को वापस दे दिया है।’
सीतारमण ने कहा, ‘इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि हमने आर्थिक अपराध करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा है। हम उनके पीछे पड़े हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जो पैसा बैंकों में वापस जाना है, वह वापस आ जाए।’
विदेशों में जमा काले धन के संबंध में कुछ सांसदों के सवालों पर वित्त मंत्री ने कहा कि 2015 का काला धन अधिनियम वास्तव में बहुत से करदाताओं पर निवारक प्रभाव डाल रहा है और वे अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा करने के लिए स्वयं आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी संपत्ति का खुलासा करने वाले करदाताओं की संख्या 2021-22 में 60,467 से बढ़कर 2024-25 में दो लाख हो गई है।
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