लंदन। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने लंदन के हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति मांगी है। 51 वर्षीय हीरा कारोबारी ने इस महीने की शुरुआत में मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर एक अपील खो दी थी, जब हाईकोर्ट की दो जजों की पीठ ने फैसला सुनाया था कि आत्महत्या का जोखिम ऐसा नहीं था कि उसका सामना करने के लिए उसे भारत प्रत्यर्पित करना या तो अन्यायपूर्ण या दमनकारी होगा। आरोपी नीरव मोदी पर अनुमानित USD 2 बिलियन पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ऋण घोटाला मामले में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप है।
सरकारी बैंक पीएनबी में 114 अरब रुपये का घोटाला आया था सामने
वर्ष 2018 में देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी में 114 अरब रुपये का घोटाला सामने आया। उस समय पीएनबी ने आरोप लगाया था कि अरबपति ज्वेलरी डिजाइनर नीरव मोदी ने बैंक की मुंबई स्थित एक शाखा से फर्जी तरीके से शपथ पत्र हासिल कर अन्य भारतीय बैंकों से विदेशों में पैसा हासिल कर लिया। देश का सबसे बड़े बैंकिंग घोटाला कहे जाने वाले इस मामले में पीएनबी ने अपने दस अधिकारियों को निलंबित करते हुए और सीबीआई से इसकी शिकायत की थी। घोटाले की खबर सामने आने के बाद पीएनबी के शेयरों में करीब दस फीसदी की गिरावट आई, जिससे निवेशकों के करीब 4000 करोड़ रुपये डूब गए।
2011 से चल रहा था फर्जीवाड़ा
पंजाब नेशनल बैंक में फर्जीवाड़ा 2011 से चल रहा था और इसमें बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता थी। पीएनबी ने अपनी ओर से जारी एक बयान में कहा था कि मुंबई स्थित उसकी एक ब्रांच में फर्जी तरीके से ट्रांजेक्शन कर कुछ खाताधारकों को लाभ पहुंचाया गया। उसके अनुसार नीरव मोदी के भाई निशाल, पत्नी एमी और मेहुल चोकसी की ओर से किए गए ट्रांजेक्शन के आधार पर आरोपियों ने विदेश में अन्य भारतीय बैंकों से लोन हासिल कर लिए। मेहुल चोकसी नीरव मोदी के रिश्तेदार थे और ज्वेलरी चेन गीतांजलि के मालिक थे। घोटला सामने आने के बाद वे भी देश छोड़कर भाग गए थे।
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