नई दिल्ली. भगोड़ा हीरा कारोबारी (diamond trader) मेहुल चोकसी (Mehul Chowksi) की बेल्जियम (Belgium) में गिरफ्तारी के बाद एक और बड़ा खुलासा हुआ है। भारत (India) में वांछित मेहुल की गिरफ्तारी भारतीय जांच एजेंसियों की सात साल से अधिक समय की मेहनत और दिन-रात एक कर के की गई जांच-पड़ताल का नतीजा है। जांच एजेंसियों को करीब-करीब तीन देशों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अब उनके हाथ बड़ी सफलता लगी है।
गीतांजलि समूह के मालिक पर अपने भतीजे नीरव मोदी, उनकी पत्नी अमी मोदी और उनके भाई नीशाल मोदी के साथ सरकारी पंजाब नेशनल बैंक में 12,636 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। 65 साल का मेहुल चोकसी 2018 में भारत से भाग गया था। घोटाला सामने आने के बाद वह देश छोड़कर एंटीगुआ चला गया, जहां उसने निवेश कार्यक्रम के जरिए नागरिकता ले ली थी।
2021 में डोमिनिकन गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था
इससे पहले 2021 में मेहुल चोकसी को अवैध प्रवेश के लिए डोमिनिकन गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। उसकी हिरासत को सुरक्षित करने के लिए सीबीआई की एक टीम कैरेबियाई देश पहुंची थी। मेहुल चोकसी के वकीलों ने डोमिनिकन कोर्ट को बताया कि उसे इलाज के लिए एंटीगुआ लौटने की जरूरत है और आश्वासन दिया कि वह बाद में मुकदमे का सामना करने के लिए वापस आएगा। 51 दिनों तक जेल में रहने के बाद चोकसी को ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी काउंसिल से राहत मिली और प्रत्यर्पण आगे नहीं बढ़ सका। वह वापस एंटीगुआ चला गया। बाद में डोमिनिकन गणराज्य में उसके खिलाफ अवैध प्रवेश के आरोप हटा दिए गए।
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने भगोड़े पर नजर बनाए रखी
इस दौरान सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने उस पर नजर बनाए रखी। पिछले साल उन्हें पता चला कि वह बेल्जियम में है। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने तुरंत एजेंसियों को सूचित किया। धोखाधड़ी के मामले से जुड़े सभी दस्तावेज भी साझा किए गए। बेल्जियम पुलिस ने 12 अप्रैल को मेहुल चोकसी को गिरफ्तार किया और पाया कि वह स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। मेहुल की पत्नी प्रीति बेल्जियम की नागरिक है।
बेल्जियम में जाली दस्तावेज जमा किए
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेहुल चोकसी ने बेल्जियम में निवास कार्ड पाने के लिए जाली दस्तावेज जमा किए। उसने यह भी छिपाया कि वह भारत और एंटीगुआ का नागरिक है। इससे पहले फरवरी में चोकसी के वकील ने मुंबई की एक अदालत को बताया था कि वह भारत नहीं लौट सकता, क्योंकि वह रक्त कैंसर के इलाज के लिए बेल्जियम में था। भगोड़े कारोबारी ने यह भी कहा था कि वह भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग करने और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों में पेश होने के लिए तैयार है। हालांकि, इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया और एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की दिशा में काम करती रहीं।
मुकदमे के लिए वापस लाने के लिए युद्धस्तर पर काम जारी
अब भारतीय अधिकारी उसे मुकदमे के लिए वापस लाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। मेहुल चोकसी की कानूनी टीम ने कहा है कि वह जमानत के लिए अर्जी दाखिल करेगी और भारत में उसके प्रत्यर्पण का विरोध करेगी।
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