नई दिल्ली: मणिपुर के लीमाखोंग पावर स्टेशन से भारी मात्रा में फ्यूर लीकेज की घटना सामने आई है. ईंधन लीक होने के बाद इंफाल घाटी से बहने वाली नदियों में भी फैल गया. इसके बाद सरकार ने संबंधित विभाग से तत्काल एक्शन लेने का आदेश दिया है. इस संबंध में अधिकारियों ने जानकारी दी.
अधिकारियों का कहना है कि ये घटना बुधवार (10 जनवरी) रात को कांगपोकपी जिले के लीमाखोंग बिजली केंद्र पर हुई. इस फ्यूल लीकेज से कांटो सबल और सेकमाई जैसे गांवों से गुजरने वाली नदियों पर भी प्रभाव पड़ा है, जो इस इलाके के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. सरकार ने एक आदेश में कहा, ”ये धाराएं खुरखुल, लोइतांग, कामेंग, इरोइसेम्बा और नंबुल से होकर बहती हुई इम्फाल नदी से मिलती हैं.”
इसमें आगे कहा गया, “सभी संबंधित अधिकारियों से अनुरोध है कि वे मशीनरी, जनशक्ति और विशेषज्ञता के संदर्भ में सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके पर्यावरणीय आपदा को रोकने के लिए तत्काल आवश्यक कार्रवाई करें.” राज्य सरकार ने कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए प्रतिक्रिया तंत्र और मानक संचालन प्रक्रियाओं को तुरंत सक्रिय किया जाना चाहिए.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मामले को लेकर एक अधिकारी ने कहा कि प्रभावित जलधाराओं के प्रवाह को मोड़कर मैदानी इलाकों की ओर करने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस घटना को किसी शरारती तत्व ने अंजाम दिया या फिर ये एक दुर्घटना है.
मणिपुर के सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग मंत्री लीशांगथेम सुसींद्रो मैतेई और वन मंत्री थोंगम विश्वजीत सिंह ने कल देर रात घटनास्थल का दौरा किया. यह घटना तब हुई है जब पिछले साल 3 मई को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय झड़प के बाद मणिपुर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं जारी हैं. इस हिंसा में अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.
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