कोलंबो। श्रीलंका (Sri lanka) भारत(India) से 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की ईंधन ऋण सहायता (US$ 500 million fuel loan assistance) लेने पर विचार कर रहा है. घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के बीच तेल टैंक सौदे(oil tank deals) पर हस्ताक्षर के बाद ऊर्जा सहयोग बढ़ने के बीच पड़ोसी देश भारत (India) से ऋण सहायता हासिल करने की संभावनाएं तलाश रहा है. पड़ोसी देश ने बृहस्पतिवार को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की श्रीलंका शाखा Sri Lanka Branch of Indian Oil Corporation (LIOC), सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन Ceylon Petroleum Corporation (CPC) और दोनों कंपनियों के संयुक्त उद्यम के साथ त्रिंकोमाली में लगभग 75 तेल टैंकों के पुनर्विकास के लिए एक समझौते पर हस्तक्षार (Agreement signed for redevelopment of 75 oil tanks) किए थे.
इस बीच, श्रीलंका (Sri lanka) के ऊर्जा मंत्री उदय गमनपिला ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश जनवरी के तीसरे सप्ताह में ईंधन संकट का सामना कर सकता है. उन्होंने केंद्रीय बैंक से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की, ताकि आयात के लिए जरूरी विदेशी मुद्रा का इंतजाम किया जा सके. श्रीलंका की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अगर जल्द ही कुछ नहीं किया गया, तो यह जल्द दिवालिया हो सकता है. विशेषज्ञों की मानें, तो श्रीलंका की इस हालत का चीन ना सिर्फ फायदा उठाएगा, बल्कि उसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ भी कर सकता है. यह समझा जा रहा है कि श्रीलंका अपनी आर्थिक हालत को सुधारने में नाकाम रहता है, तो चीन को वहां की नीतियों में दखल करने का मौका मिल जाएगा, जिसका सबसे अधिक नुकसान भारत को उठाना पड़ सकता है. यहां के लोग एक तरफ जहां बढ़ती महंगाई से परेशान है, तो दूसरी ओर चीन से मिली उधारी को लेकर श्रीलंकाई सरकार पर कर्ज का बोझ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.