नई दिल्ली। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य तेलों में बढ़ रही मिलावट की घटना के मद्देनजर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। खाद्य सुरक्षा नियामक ने बीते 3 दिनों में देश के अधिकांश शहरों से खाद्य तेल के 4,500 से भी ज्यादा नमूने उठाकर उन्हें सर्टिफाइड लैब में विस्तृत जांच के लिए भेजा है, ताकि कहीं मिलावट की शिकायत मिले तो उस पर आगे की कार्रवाई की सके।
एफएसएसएआई ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बीते 25 से 27 अगस्त के बीच गुणवत्ता सर्वेक्षण को अंजाम दिया है। इस राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण अभियान में सरसों, नारियल, पाम ऑयल, आलिव ऑयल और ब्लैंडेड ऑयल समेत खाद्य तेलों की कुल 16 किस्मों को कवर किया है। ज्ञात हो कि ये पहला अवसर है, जबकि एक साथ 4,500 से भी ज्यादा नमूने उठाए गए हैं।
एफएसएसएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण का काम राज्य के खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा किया गया है। खासकर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू जैसे मेट्रोपोलिटन शहरों से जहां 50 नमूने उठाए गए हैं। वहीं, छोटे शहरों में भी 8 से 10 नमूने लिए गए हैं। इन नमूनों को अब मानकीकृत प्रयोगशालाओं में भेज दिया गया है, जिनकी रिपोर्ट 20 से 25 दिनों मिल जाएगी।
उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा नियामक ने ये नमूने हाइपर मार्केट, सुपरमार्केट के साथ-साथ गली-मोहल्ले की खुदरा और किराने की दुकानों से भी लिए हैं। इन अभियान में राष्ट्रीय और स्थानीय ब्रांड के साथ साथ अनब्रांडेड तेल के भी नमूने को भी शामिल किया है। इसकी परीक्षण के बाद जिन शहरों में नमूने में मिलावट की बात सामने आएगी, वहां इनफोर्समेंट सैंपल लिया जाएगा। यदि किसी दुकान में मिलावटी खाद्य तेलों की बिक्री पकड़ी जाएगी तो उस विक्रेता पर तो कार्रवाई होगी ही, मिलावटी खाद्य तेल बनाने वाली कंपनी पर भी गाज गिरेगी। (एजेंसी, हि.स.)
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