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एथिलीन गैस के पाउच को फलों में रखकर जल्द पकाया जा रहा है

May 09, 2024

  • प्राकृतिक रूप से पके हुए आम नहीं बिक रहे हैं उज्जैन के बाजार में
  • बिड़ला हॉस्पिटल के सामने लगने वाले फल बाजार की सड़कों पर एथिलीन के खाली पाउच मिलने से लोगों में स्वास्थ्य के लिए चिंता बढ़ी

उज्जैन। आम का मौसम आ चुका है ऐसे में मुश्किल ये होती है कि बाजार से कौन से आम खरीदे जाएं, जो प्राकृतिक रूप से पके हों जिसमें किसी प्रकार के केमिकल की मिलावट न हो क्योंकि, डर ये रहता है कि हमें पता नहीं होता कि कौन से आम किस तरह से पका कर बाजार में लाया गया है।



उज्जैन के बाजार में इन दिनों रसीले आम की बहार आई हुई है। फल मंडियों में हर किस्म का आम उपलब्ध है। ठेलों पर और फल की दुकानों पर हर तरह का आम खुशबूदार और पका हुआ मिल रहा है लेकिन यह आम कितना सुरक्षित और स्वास्थ्य के प्रति कितना लाभदायक है इसको लेकर वर्तमान में चिंताजनक स्थिति है। उज्जैन नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग या खानपान सामग्री का निरीक्षण करने के लिए अधिकृत खाद्य विभाग कितनी भी जांच पड़ताल करे लेकिन आज तक फलों को लेकर किसी प्रकार की जाँच नहीं की गई है। या ऐसा लगता है कि इस तरह की जाँच का कोई प्रावधान उज्जैन में है ही नहीं। उज्जैन की फल मंडियों में आने वाले अलग-अलग किस्म के आम की पेटियों में अधिकतर आम वही आते हैं जिन्हें किसी प्रकार के केमिकल से पकाया गया है। प्राकृतिक रूप से पके हुए फल केले, सेवफल और अभी विशेष कर आने वाला आम अब बाजारों में आना बंद हो चुका है। अधिक मुनाफे और जल्द पकाने के लिए थोक फल विक्रेता लोगों के स्वास्थ्य के साथ हर तरह का खिलवाड़ कर रहे हैं। इस बात का खुलासा इस तरह भी हुआ कि उज्जैन के कॉसमॉस माल रोड बिड़ला हॉस्पिटल के सामने बने हॉट बाजार पर 50 से अधिक फलों की दुकान लगती है। इन फल दुकानों पर भारी मात्रा में हर किस्म के आम जैसे बादाम, लंगड़ा, हाफूस, तोतापरी और अन्य जितने भी किस्म है वह आम मौजूद हैं लेकिन इस क्षेत्र के निवासी सुबह घूमने वाले स्थानीय लोगों ने इस फल बाजार की सड़कों पर भारी मात्रा में एथिलीन गैस के पाउच बिखरे पड़े देखे तो लोगों को पता चला कि आम को पकाने के लिए इस गैस के पाउच का उपयोग किया जाता है। लोगों ने सोशल मीडिया पर इन पाउचों के के ढेर को पोस्ट करते हुए स्वास्थ्य के प्रति चिंता जताई। इस संबंध में जब पता किया गया तो यह बात सामने आई कि एथिलीन गैस को फलों को पकाने उन्हें खराब नहीं होने और सुरक्षित रखने के लिए विशेष वेयरहाउस में उपयोग किया जाता है। जहाँ विशेषज्ञों की नजर में मात्रानुसार यह गैस के पाउच रखे जाते हैं लेकिन इस तरह से पेटियों में फलों के बीच एथिलीन गैस के पाउच रखना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। एथिलीन एक गैसीय हार्मोन हैं जो अन्य हार्मोन और संकेतों के साथ मिलकर कई फलों के पकने की प्रक्रिया को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक कच्चे फल में आमतौर पर एथिलीन का स्तर कम होता है। जैसे ही फल परिपक्व होता है, फल पकने के संकेत के रूप में एथिलीन का उपयोग होता है। चिमनगंज फल मंडी के बाहर भी एथिलीन के पाउच बिखरे रहे हैं। यहाँ से फलों का व्यापार करने वाले व्यापारियों ने शिवशक्ति नगर व मोहन नगर में अपने गोडाउन बना रखे हैं जहाँ पर इन फलों को पकाया जाता है और यहीं से बाजार में भेजा जाता है। यह गौरखधंधा नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग की मिलीभगत से चल रहा है।

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