आज है ख्यात अभिनेत्री स्मिता पाटिल की पुण्यतिथि
इन्दौर। स्मिता पाटिल अपने समय की सबसे प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक थीं, तब फिल्मों में एक अभिनेत्री होने के लिए जो मापदंड थे उन्हें स्मिता ने तोड़ दिया था. सांवले रंग की इस खूबसूरत एक्ट्रेस ने अपने अभिनय-कौशल की वजह से लाखों दिलों पर राज किया और बॉलीवुड व मराठी फिल्मों में उनका अहम योगदान रहा है, टीवी न्यूज रीडर से फिल्मों तक का छोटा सा सफऱ सशक्त रहा।
आज ही के दिन 31 वर्ष की उम्र में 13 दिसंबर 1986 को स्मिता पाटिल इस दुनिया को अलविदा कह गई। स्मिता पाटिल एक राजनीति परिवार से सम्बन्ध रखती थीं, उनके पिता का नाम शिवाजीराय पाटिल था, जबकि उनकी माँ समाजसेविका थी। स्मिता पाटिल ने भारतीय अभिनेता राज बब्बर के साथ शादी की। स्मिता पाटिल ने अपनी स्कूली पढ़ाई महाराष्ट्र से ही पूरी की थी। उन्होंने फि़ल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया पुणे से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। स्मिता के करियर की शुरुआत बतौर न्यूज रीडर से हुई थी। वर्ष 1970 में उन्होंने दूरदर्शन के लिए एंकर के रूप में कार्य करना शुरू किया और 1974 में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद स्मिता पाटिल ने फिर कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा यह उनकी दमदार ऐक्टिंग का ही कमाल था कि वह कुछ ही सालों में न सिर्फ हिंदी बल्कि मराठी सिनेमा का भी नामी चेहरा बन गईं। भारतीय सिनेमा जगत में चरणदास चोर को ऐतिहासिक फि़ल्म के तौर पर याद किया जाता है, क्योंकि इसी फि़ल्म के माध्यम से श्याम बेनेगल और स्मिता पाटिल के रूप में दो दिग्गजों का आगमन हुआ।
यह थी स्मिता की लोकप्रिय हिट फिल्में
गलियों का बादशाह, वारिस, आकर्षण, ठिकाना, राही, सूत्रधार, एहसान, इंसानियत के दुश्मन, आप के साथ, अमृत, अनोखा रिश्ता, आखिर क्यों, गुलामी, मिर्च मसाला, रावण, गिद्ध, अध्र्य सत्य, हादसा, बाज़ार, भीगी पलके, दर्द का रिश्ता, शक्ति, बदले की आग, अर्थ, नमक हलाल, चक्र, आक्रोश, मंथन आदि फिल्में है।
कई पुरस्कार और अवार्ड जीतें
स्मिता पाटिल ने करीब 80 फिल्में की, जिनमें से ज्यादातर हिट रहीं। 1977 में पहला नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 1977 में उन्हें फिल्म भूमिका के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला, वहीं साल 1980 में फिल्म चक्र ने उन्हें दूसरा नेशनल अवॉर्ड मिला। सरकार ने वर्ष 1985 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा।
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