उज्जैन। एक दिन छोड़कर जल प्रदाय करने का प्रस्ताव दिसंबर माह में ही नगर निगम महापौर परिषद निगम आयुक्त को भेज चुकी है लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते लगातार तीन माह तक गंभीर डेम खाली होता रहा और अधिकारी इस गंभीर मामले में लापरवाही करते रहे।
गंभीर में अब 27 जून तक का पानी बचा है और ऐसे में यदि मानसून लेट हुआ तो उज्जैन में जल संकट की स्थिति बन जाएगी। इसी को देखते हुए महापौर परिषद एवं जल कार्य समिति ने दिसंबर माह में निगम आयुक्त को प्रस्ताव भेजा था कि अभी मौसम ठंडा है इसलिए एक दिन छोड़कर जल प्रदाय कीजिए इससे जो पानी बचेगा उसका उपयोग गर्मी के दिनों में करेंगे लेकिन अधिकारियों ने महापौर परिषद के इस प्रस्ताव पर ध्यान नहीं दिया। उल्टा जिला प्रशासन के अधिकारियों ने एक अलग निर्णय लिया और एक दिन उज्जैन उत्तर में और एक दिन उज्जैन दक्षिण में जलप्रदाय करने का निर्णय लिया, इससे प्रतिदिन 8 से 10 एमसीएफटी पानी खर्च हो रहा है। अब गंभीर डेम में 25 से 27 जून तक के लिए पानी बचा है। तब जाकर प्रशासन की नींद खुली है और अब एक दिन छोड़कर जल प्रदाय का निर्णय लिया गया है। अब जबकि मार्च माह में ही तापमान 40 से 41 डिग्री तक जा रहा है तो अप्रैल माह में तापमान और बढ़ेगा और वाष्पन और सीपेज में पानी लगातार कम होगा। वैसे भी दाम में 100 से 150 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज का रहता है। ऐसे में अब संभावना है कि जून से जुलाई तक यदि मानसून में खेंच आई तो जल संकट की स्थिति बन सकती हैं, क्योंकि नर्मदा का जो पानी लाया जाता है वह स्नान में ही कम पड़ जाता है।
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