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उज्जैन। शहर में कल रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत परंपरा के मुताबिक महाकाल के आंगन से हुई। सुबह भस्मारती के उपरांत भगवान महाकाल को पहली राखी बांधी गई तथा उन्हें महाभोग लगाया गया। इसी के साथ बड़ा गणेश मंदिर, चिंतामण गणेश मंदिर से लेकर चामुण्डा माता मंदिर और अन्य देवालयों में भी उत्साह से यह पर्व मनाया गया। घरों में भी कल दिनभर भाई-बहन के स्नेह के प्रति रक्षाबंधन का उल्लास रहा।
रविवार को छुट्टी के बावजूद रक्षाबंधन पर्व के चलते बाजारों में रौनक रही। बस स्टैण्ड से लेकर रेलवे स्टेशन तक यात्रियों की भारी भीड़ रही। इधर कल तड़के भस्मारती के बाद महाकाल मंदिर में पुजारी परिवार की ओर से भगवान महाकाल को लड्डुओं का महाभोग लगाया गया तथा इसी के साथ महाकाल को पहली राखी बाँधी गई। बड़ा गणेश मंदिर में भी दोपहर में मुहूर्त के दौरान गणेश जी को महाभोग लगाने के बाद देश विदेश से आई राखियाँ बाँधी गई। चिंतामण गणेश मंदिर में भी कल सुबह से ही भगवान गणेश का मनोहारी श्रृंगार किया गया और उन्हें छप्पन भोग लगाए गए तथा राखी बाँधी गई। चामुण्डा माता मंदिर में भी रक्षाबंधन के अवसर पर विशेष पूजन अर्चन और महाभोग तथा प्रसादी वितरण का आयोजन रखा गया था। विशेष संयोग के चलते रक्षाबंधन पर इस बार रक्षा सूत्र बांधने के पूरे दिन शुभ मुहूर्त रहने से घरों में भी बहनों ने भाइयों की कलाई पर सुबह से लेकर देर शाम तक रक्षा सूत्र बाँधे।
बड़ा गणेश को बंधी 6 फीट की राखी
रक्षाबंधन पर बड़ा गणेश मंदिर में भगवान को मिनी सुखनानी व रवि प्रभा द्वारा बनाई 6 फीट 5 इंच की राखी बांधी गई जिसमें गणेश जी कोरोना रूपी राक्षस का संहार वैक्सीन द्वारा करते दर्शाए गए हैं, वहीं एक हाथ में मास्क और एक में सेनेटाईजर भी नजर आ रहा है।
हेमाद्रि संकल्प के साथ संकल्प लिया
गायत्री शक्तिपीठ पर कल श्रावणी उपाकर्म कराए गए, इसमें श्रद्धालुओं ने हेमाद्रि संकल्प के साथ वेदों, उपनिषदों, गीता और रामायण जैसे बहु प्रचारित ग्रंथों के स्वाध्याय का नियम बना लेने का संकल्प लिया। सावन माह में चांद्रायण साधना कर रहे 6 साधकों की पूर्णाहुति यज्ञ के बाद प्रतीकात्मक वृक्षारोपण कर पौधे वितरित किए गए।
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