नियम तोडऩे वाले पर एक लाख तक का जुर्माना और पांच साल की सजा का प्रावधान
इंदौर। सोने (Gold) के गहनों की खरीदारी में धोखाधड़ी खत्म करने के लिए केंद्र सरकार (central government) 1 जून से हॉलमार्किंग (hallmarking) व्यवस्था अनिवार्य कर रही है। इसके बाद दुकानदार बिना हॉलमार्क के गहने नहीं बेच सकेंगे। ऐसा करने पर एक लाख रुपए तक जुर्माना और पांच साल की सजा का प्रावधान है। भले ही 15 दिन बाद यह व्यवस्था लागू होने वाली है, लेकिन सुविधाओं की कमी और अधूरी तैयारी के चलते यह कानून सोने के कारोबारी के लिए परेशानी का सबब बनेगा।
पूरे देश में 900 हॉलमार्किंग सेंटर
नए नियम में गहनों पर हालमार्क (hallmark) लगाने वाले सेंटर के बजाय व्यापारी पर शुद्धता की जिम्मेदारी होगी। कैरेट में कमी होने पर सेंटर के बजाय व्यापारी पर कार्रवाई के प्रावधान अव्यावहारिक हैं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से लाइसेंस लेकर कोई भी हॉलमार्किंग (hallmarking) सेंटर शुरू कर सकता है। पूरे देश में 900 हॉलमार्किंग सेंटर हैं। एक सेंटर में लगने वाली मशीनों और उपकरणों की लागत करीब एक करोड़ रुपए है। एक गहने की जांच कर उस पर हॉलमार्क करने का शुल्क अधिकतम 35 रुपए लिया जा सकता है।
14, 18 और 22 कैरेट में बनेंगे गहने
नए नियम के तहत सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने (Gold) के आभूषणों पर ही हॉलमार्क (hallmark) लगाए जाएंगे। 24 कैरेट गोल्ड के लिए अभी कोई इजाजत नहीं है।
प्रदेश में महज 18 हॉलमार्किंग सेंटर
मप्र में करीब 15 हजार सोने-चांदी की दुकानें और 18 हॉलमार्किंग (hallmarking) सेंटर हैं। यह सेंटर भी सिर्फ 6 जिलों इंदौर, भोपाल, रतलाम, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर में हैं। नियम लागू होने पर इन सेंटरों पर भार बढ़ेगा।
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