भोपाल: आज हम आपको देश के एक ऐसे मोहल्ले (Mohalla) में लिए चलते है जिसे सांसदों (MP) का मोहल्ला भी कहा जाता है. ये मोहल्ला है मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में. इस इलाके को चौक बाजार (square market) कहते है. 1957 से लेकर 2024 तक इस चौक में सांसद रहते रहे है.
देश (Country) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की तारीखों का ऐलान हो चुका है. वहीं मध्य प्रदेश में तो बीजेपी (BJP) ने अपने लोकसभा प्रत्याशियों (Candidates) के नाम का ऐलान भी कर दिया है. भोपाल से बीजेपी ने आलोक शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है. आलोक शर्मा जिस इलाके से आते है उसे चौक बाजार कहा जाता है. मगर भोपाल में इसे सांसदों का मोहल्ला भी कहा जा रहा है. चलिए जानते है कि इसके पीछे का इतिहास क्या है.
सांसदों का मोहल्ला
चौक बाजार में रहने वाली मैमूना सुल्ताना 1957 और 1962 में भोपाल की सांसद रही. इसी चौक बाजार से अपने सियासी सफर की शुरुवात करने वाले शंकर दयाल शर्मा 1971 में भोपाल के सांसद बने. शंकर दयाल शर्मा मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री से लेकर देश के सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति तक पहुंचे. 1984 में इसी मोहल्ले के रहने वाले केएन प्रधान भोपाल से सांसद चुने गए. अब दशकों बाद चौक बाजार के ही रहने वाले आलोक शर्मा बीजेपी के प्रत्याशी बनाए गए है.
पूर्व राष्ट्रपति आलोक शर्मा
बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा का कहना है की असली भोपाल अगर है तो वो है चौक बाजार का. जिसे हम पुराण भोपाल भी कहते है. शंकर दयाल शर्मा से लेकर केएन प्रधान तक हमारे चौक से ही आते है. मैंने हमेशा चौक के विकास के लिए काम किया है और सांसद बनने के बाद भी करूंगा. अब आपको देश के पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के निवास लिए चलते है. चौक बाजार में आज भी उनका घर स्थित है. वहीं शंकर दयाल शर्मा के छोटे भाई ईशदयाल शर्मा आज भी बतौर वैद्य यहां लोगों का इलाज करते है. उनका कहना है की चौक बाजार से कई सांसद हुए. उन्होंने चौक के लिए, खास तौर पर भोपाल के लिए बहुत काम किया. शंकर दयाल शर्मा ने भी अपनी राजनीती की शुरुआत इसी मोहल्ले से की थी. आज आलोक शर्मा को यहां से प्रत्याशी बनाया है जो हमारे लिए खुशी की बात है.
भोपाल के चौक का इतिहास
बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा के पिता गौरीशंकर शर्मा की उम्र 85 साल है. भोपाल से लेकर अब तक अलग अलग मुद्दों पर लगभग 22 किताबें लिख चुके है. वो बताते है की चौक को राजा भोज ने बनवाया था वहीं इसकी बनावट स्वास्तिक के आकर की है. जितने भी सांसद चौक से हुए उन्होंने यहीं से राजनीति की शुरुआत की. इस चौक बाजार में रहने वालों की आबादी अब महज 15 से 20 हजार है. एक समय था जब ये इलाका रिहायशी इलाका हुआ करता था. धीरे धीरे ये बाजार में तब्दील हो गया. चौक बाजार के लोगों से हम ने जब बातचीत की तो उन्होंने कहा हमारे लिए गर्व की बात है की इतने सांसद हमारे इलाके से हुए.अब उम्मीदें आलोक शर्मा से है. इस चौक बाजार से कई सांसद तो हुए. मगर अब जरूरत है कि इस चौक बाजार का विकास भी उतनी ही तेज़ी से किया जाए.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved